जडेजा की धीमी पारी पर शास्त्री ने कसा तंज, बोले- ‘अगर उनमें स्टोक्स जैसा 40 फीसदी भी यकीन होता तो..'

Updated: Tue, Jul 22 2025 19:57 IST
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लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को मिली 22 रन की हार के बाद रविंद्र जडेजा की पारी पर बहस छिड़ हुई है। अब पूर्व कोच रवि शास्त्री ने जडेजा के डिफेंसिव रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वह थोड़ा ज्यादा आक्रामक होते, तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था। शास्त्री ने जडेजा की तुलना इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स की 2019 की हैडिंग्ले वाली पारी से करते हुए उनके आत्मविश्वास पर भी सवाल उठाया।

लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को इंग्लैंड के हाथों 22 रन की हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मैच के आखिरी दिन रविंद्र जडेजा की धीमी लेकिन जुझारू पारी अब भी चर्चा का बड़ा मुद्दा बनी हुई है। भारत 112/8 पर था और ऐसा लग रहा था कि मैच लंच से पहले खत्म हो जाएगा, लेकिन जडेजा ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर टीम को 172 तक पहुंचाया और जीत की उम्मीद जगा दी।

जडेजा ने 181 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए और नीतीश रेड्डी (35 रन की साझेदारी), बुमराह (30 रन की साझेदारी) और सिराज (23 रन की साझेदारी) के साथ अहम पार्टनरशिप की। हालांकि, पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री को जडेजा का यह तरीका रास नहीं आया। शास्त्री का मानना है कि जडेजा ने बहुत ज्यादा सावधानी बरती और इंग्लैंड के स्पिनर्स, खासकर शोएब बशीर और जो रूट के खिलाफ आक्रामक होकर खेलना चाहिए था।

शास्त्री ने 'द ओवरलैप पोडकास्ट' में कहा, "मुझे लगा कि लंच से पहले का वक्त सही था जब नीतीश रेड्डी और जडेजा बैटिंग कर रहे थे। उस वक्त फील्ड ऊपर थी, गेंद भी नई और सख्त थी। तभी अटैक करना चाहिए था। बाद में गेंद नरम हो गई और पता था कि कोई न कोई बॉल आउट कर ही जाएगी। अगर उस वक्त वो जोखिम लेते, तो लक्ष्य 40 रनों तक सिमट सकता था और बाद में आराम से खेल सकते थे।"

शास्त्री ने जडेजा की तुलना बेन स्टोक्स की 2019 एशेज (हेडिंग्ले) वाली यादगार पारी से की, जहां स्टोक्स ने 135* रन बनाकर इंग्लैंड को अकेले दम पर जीत दिलाई थी। शास्त्री का मानना है कि अगर जडेजा अपने बैटिंग पर थोड़ा और भरोसा दिखाएं, तो वह भारत के लिए और ज्यादा मैच जिताने वाले खिलाड़ी बन सकते हैं।

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उन्होंने आगे कहा, "जडेजा में टैलेंट की कमी नहीं है, लेकिन अगर उनमें स्टोक्स जैसा 40 फीसदी भी आत्मविश्वास आ जाए तो वह और ज्यादा मैच जिता सकते हैं। उन्होंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में तीन तिहरे शतक लगाए हैं, लेकिन अपनी बैटिंग क्षमता को समझने में उन्हें बहुत वक्त लग गया।"

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