उतार-चढ़ाव से भरा है श्रेयस अय्यर का करियर, काफी संघर्षों के बाद आज किया टेस्ट डेब्यू

Updated: Thu, Nov 25 2021 15:13 IST
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अस्पताल के बिस्तर से लेकर टेस्ट डेब्यू तक, श्रेयस अय्यर ने कई उतार-चढ़ाव के बाद यह सफलता पाई है। क्रिकेटरों को चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन चोट से उबरना और टेस्ट में डेब्यू करना यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।

अय्यर ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने इलाज के दौरान की एक तस्वीर साझा की थी, इसके थोड़े दिनों बाद ही उन्होंने टेस्ट जर्सी में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की।

23 मार्च को पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ चोट लगने के बाद, अय्यर को लंबे समय तक मैदान से दूर रहना पड़ा। उनको यूके में सर्जरी करानी पड़ी, इस दौरान वह रॉयल लंदन कप में लंकाशायर के लिए भी अनुपस्थिति रहे।

वह 2021 की शुरुआत में आईपीएल के पहले फेस में नहीं खेले थे। उनकी जगह पर ऋषभ पंत को दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी सौंपी गई थी।

अय्यर इलाज के लिए यूके चले गए और इसके बाद वह फिट होकर आईपीएल के दूसरे फेस में वापस आए। आईपीएल के बाद, श्रेयस को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के लिए टी20 टीम में चुना गया था, लेकिन वह टी20 विश्व कप टीम का हिस्सा नहीं बन सके।

बुधवार को कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की शुरुआत से पहले महान सुनील गावस्कर से टेस्ट कैप हासिल करने के बाद अय्यर भारत के 303 वें टेस्ट क्रिकेटर बन गए।

यह टेस्ट कैप, प्रथम श्रेणी में 54 मैचों में 52.18 के औसत से 4592 रन के बाद आई है। अय्यर ने 2017 में अपना वनडे डेब्यू किया। साथ ही 54 टी20 मैच खेले। उन्होंने वनडे में 42.7 और टी20 में 27.6 की औसत से 1393 रन बनाए। लगातार रन बनाने की उनकी क्षमता को देखकर माना जा रहा था कि जल्द ही उनको टेस्ट टीम में शामिल किया जाएगा।

गुरुवार को बीसीसीआई ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें अय्यर के चेहरे पर शांति नजर आ रही थी। अय्यर को कोच द्रविड़, कप्तान अजिंक्य रहाणे के सामने गावस्कर ने उनको कैप देते हुए बधाई दी। इसके बाद टीम के बाकी साथियों ने उनको इस पल के लिए शुभकामनाएं दीं। अय्यर इस उपलब्धि को पाकर बेहद भावुक नजर आए।

अय्यर के लिए कानपुर का मैदान कोई नया नहीं है। 2019 में उन्होंने प्रवीण कुमार, अंकित राजपूत और पीयूष चावला के आक्रमण के खिलाफ 75 रनों की अपनी शानदार पारी से मुंबई रणजी टीम को बचाया था। अब उन्हें अपनी टेस्ट कैप उसी स्थान पर मिली जहां उन्होंने रेड-बॉल क्रिकेट की शुरुआत की थी।

वास्तव में, वह पहले ही टेस्ट टीम के हिस्सा हो जाते, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण वह रह जाते थे। मार्च 2017 में, उन्हें धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट के लिए विराट कोहली की जगह बुलाया गया था, लेकिन यहां भी वह टेस्ट कैप से चुक गए थे।

अब चार साल बाद आखिरकार उन्होंने वह मुकाम हासिल कर ही लिया, हालांकि उनको यहां तक पहुंचने में थोड़ा समय लगा। 

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