सौरव गांगुली बर्थडे : भारत के मजबूत कप्तान और उनके बड़े रिकॉर्ड
सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी और एमएस धोनी के आने से पहले तक वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 2001 में उस वक्त की लगभग अजेय टीम ऑस्ट्रेलियाई को हराया था। गांगुली को प्यार से 'दादा' बुलाया जाता है और उनकी कप्तानी में भारत ने निडर माइंडसेट के साथ क्रिकेट खेलकर विदेशों में जीतने का सिलसिला शुरू किया। गांगुली ने युवा खिलाड़ियों को मौका देकर एक नई भारतीय टीम बनाई और उनकी कप्तानी में भारत 2003 विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचा, ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज भी ड्रा कराई और 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज जीती।
हालांकि, 2005 में कोच ग्रेग चैपल के साथ मतभेद के चलते उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। लेकिन गांगुली ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फिर शानदार वापसी की और दिसंबर 2007 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में अपना 100वां टेस्ट मैच खेला। उन्होंने 2008 में घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-0 की जीत के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 2019 में, बंगाल क्रिकेट संघ को संभालने के बाद गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के भी अध्यक्ष बने।
सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी और एमएस धोनी के आने से पहले तक वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 2001 में उस वक्त की लगभग अजेय टीम ऑस्ट्रेलियाई को हराया था। गांगुली को प्यार से 'दादा' बुलाया जाता है और उनकी कप्तानी में भारत ने निडर माइंडसेट के साथ क्रिकेट खेलकर विदेशों में जीतने का सिलसिला शुरू किया। गांगुली ने युवा खिलाड़ियों को मौका देकर एक नई भारतीय टीम बनाई और उनकी कप्तानी में भारत 2003 विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचा, ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज भी ड्रा कराई और 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज जीती।
Also Read: Akram ‘hopes’ Indian Team Will Travel To Pakistan For 2025 Champions Trophy
गांगुली टेस्ट मैचों में भी भारत के लिए बतौर बाएं हाथ के बल्लेबाज सर्वोच्च स्कोर करने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में 239 रनों की पारी खेली थी। गांगुली के अधिकतर बड़े रिकॉर्ड वनडे क्रिकेट में ही बने है। उन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2000 में 117 रनों की पारी खेली थी, जो आज तक किसी भी बल्लेबाज का इस टूर्नामेंट के फाइनल में सर्वोच्च स्कोर है।