बेन स्टोक्स : गेंदबाजी में रफ्तार और धार, मगर बल्ले से नहीं कर पा रहे पहले जैसे प्रहार
स्टोक्स ने एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पर्थ टेस्ट की पहली पारी में 'पंजा' लगाया। इस राइट आर्म फास्ट-मीडियम गेंदबाज ने महज 6 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें 23 रन देकर 5 विकेट निकाले।
स्टोक्स का यह शानदार प्रदर्शन उस समय आया, जब इंग्लैंड की टीम पहली पारी में सिर्फ 172 रन पर ढेर हो गई थी। लेकिन स्टोक्स का बल्ला फिलहाल थोड़ा शांत है। कप्तान स्टोक्स पहली पारी में सिर्फ 12 गेंदों का ही सामना कर सके थे। उनकी पारी में 6 रन थे, जिसमें एक भी बाउंड्री नहीं थी। इसके बाद अगली पारी में सिर्फ 2 ही रन बना सके और इंग्लैंड की टीम एक बार फिर 164 रनों पर ढेर हो गई।
बेन स्टोक्स को इस सदी का सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर माना जाता है। गेंद के साथ बल्ले ने भी जबरदस्त जलवा दिखाया है। स्टोक्स की कुछ पारियां इतनी शानदार रही हैं कि उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे रोमांचक और साहसिक क्षणों में गिना जाता है। हालांकि पिछले कुछ समय से एक ऑलराउंडर के तौर पर उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ है।
गेंद और बल्ले से एक साथ स्टोक्स के प्रदर्शन में वह निरंतरता कम देखने को मिली है। एक समय वे चोट से जूझते रहे और उनकी गेंदबाजी बुरी तरह प्रभावित हुई। इसके बाद वे एक प्रॉपर गेंदबाज के तौर पर तो लौटे हैं, लेकिन बल्ले से वह आक्रामकता थोड़ी कम देखने को मिल रही है।
एशेज से पहले, भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी उनका बल्ला कुंद पड़ रहा था। हालांकि आंकड़ों में उनका औसत बेहतर था, लेकिन वास्तविक परिस्थितियों में उनके बल्ले ने निर्णायक भूमिका को उस तरह से अंजाम नहीं दिया है जिस तरह से उनकी गेंदों ने काम किया है।
चोट से वापसी के बाद, कुछ पारियों में उन्होंने शानदार शुरुआत की, लेकिन उन पारियों को लंबा नहीं चला सके। ध्यान भटकने या जल्द रन बनाने की कोशिश में अक्सर अपना विकेट गंवाया। उनके बैकफुट और फ्रंट-फुट मूवमेंट कई बार स्लो नजर आए। ऐसे में आउटस्विंगर या लेट मूवमेंट वाली गेंदों पर उन्हें दिक्कत महसूस हुई।
एक समय स्टोक्स का टेस्ट औसत 40 को छूता था, लेकिन आज यह 35 के करीब सिमट रहा है। उनके नाम 7 हजार से ज्यादा रन दर्ज हैं। भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चार मुकाबलों में उनकी शतकीय पारी को हटा दिया तो बल्लेबाजी में स्थिति चिंताजनक नजर आती है। हालांकि, इस सीरीज में गेंद के साथ वे धारदार रहे और बल्लेबाजों को एक बार फिर से अपने 'गोल्डन आर्म' और गेंदों की तेज रफ्तार का स्वाद चखाया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रतिष्ठित एशेज ट्रॉफी में भी स्टोक्स की बॉलिंग का जलवा जारी है, लेकिन वे अपने बल्ले में धार नहीं ला सके हैं। दो पारियों में कुल 8 रन बनाने वाले स्टोक्स को इस मैच में खराब शॉट सेलेक्शन का खामियाजा भुगतना पड़ा है। खासकर दूसरी पारी में जब टीम को सख्त जरूरत थी, तब स्टोक्स स्लिप में कैच देकर पवेलियन लौट गए। उनको दोनों पारियों में अलग-अलग तरीके से स्टार्क ने चलता किया।
पिछली 13 टेस्ट पारियों को देखें, तो स्टोक्स सिर्फ एक बार 50 का आंकड़ा छू सके हैं। बेन स्टोक्स ने जून 2025 में भारत के विरुद्ध लीड्स टेस्ट की पहली पारी में 66 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे। अगली पारी में उन्होंने 1 विकेट निकाला, लेकिन बल्ले से 20 और 33 रन की पारी खेली। अगला मुकाबला बर्मिंघम में खेला गया, जिसकी पहली पारी में स्टोक्स खाता तक नहीं खोल सके। अगली पारी में उन्होंने एक बार फिर 33 रन बनाए। गेंदबाजी में एक विकेट निकाला।
बेन स्टोक्स भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए मुकाबले की पहली पारी में 44 रन बना चुके थे। फैंस को लगा कि लंबे वक्त बाद एक बार फिर से स्टोक्स के बल्ले से अर्धशतक देखने को मिलेगा, लेकिन वे 6 रन से चूक गए। अगली पारी में ऐसा लगातार तीसरी बार हुआ, जब स्टोक्स दूसरी पारी में '33' के आंकड़े पर फंसे।
स्टोक्स ने इस रोमांचक मुकाबले में गेंद से जलवा बिखेरते हुए कुल 111 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। इंग्लैंड ने 22 रन से जीत दर्ज की और स्टोक्स को 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया।
बेन स्टोक्स भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए मुकाबले की पहली पारी में 44 रन बना चुके थे। फैंस को लगा कि लंबे वक्त बाद एक बार फिर से स्टोक्स के बल्ले से अर्धशतक देखने को मिलेगा, लेकिन वे 6 रन से चूक गए। अगली पारी में ऐसा लगातार तीसरी बार हुआ, जब स्टोक्स दूसरी पारी में '33' के आंकड़े पर फंसे।
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अगर इंग्लैंड को एशेज में दमदार प्रदर्शन करना है, तो बेन स्टोक्स को अपनी पहचान के अनुरूप बेहतरीन गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में भी उतना ही शानदार प्रदर्शन करना होगा।