बचपन से ही रफ़्तार मुझे रोमांचित करती है : मयंक यादव

Updated: Sun, Mar 31 2024 13:42 IST
Lucknow: Indian Premier League (IPL) cricket match between Lucknow Super Giants and Punjab Kings (Image Source: IANS)
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लखनऊ, 31 मार्च (आईएएनएस)पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ डेब्यू आईपीएल मैच में तीन विकेट लेने के बाद तेज गेंदबाज मयंक यादव जब प्रेस कॉन्फ़्रेंस के लिए आए तो उनसे अनौपचारिक रूप से पूछा गया कि क्या वह अंग्रेज़ी में भी जवाब देने में सक्षम हैं? मयंक ने पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया- 'हां,क्यों नहीं ?'

मयंक का यही आत्मविश्वास पूरे मैच के दौरान और मैच के बाद भी झलक रहा था। उनसे जब पूछा गया कि क्या वह पहले मैच को लेकर नर्वस थे? तो उनका सपाट सा जवाब था, "मुझसे कई लोगों ने बोला कि डेब्यू मैच में नर्वसनेस और प्रेशर रहता है, लेकिन मुझे कभी ऐसा नहीं लगा। जब मुझे कप्तान ने गेंद दी तो मुझे लगा कि मैं इस जगह को डिज़र्व करता हूं।"

मयंक ने इस मैच में लगातार 145 किमी/घंटे के ऊपर की गति से गेंदबाज़ी की और विपक्षी बल्लेबाज़ों को अपनी रफ़्तार से छकाए रखा। उनकी पटकी हुई आग उगलती तेज़ हार्ड लेंथ की गेंदों का जॉनी बेयरस्टो, शिखर धवन और जितेश शर्मा जैसे अंतर्राष्ट्रीय बल्लेबाज़ों के पास भी कोई जवाब नहीं था।

मैच के बाद पंजाब के कप्तान धवन ने स्वीकार भी किया कि मयंक की गति ने उनकी टीम को चकमा दिया और वे अच्छी शुरुआत के बाद भी इस मैच को हार गए।

धवन ने कहा, "मुझे इस बात पर आश्चर्य हुआ कि वह इतनी तेज गेंदबाज़ी कर रहे हैं। मैं उनकी तेज़ बाउंसर गेंदों के लिए तैयार था, लेकिन उन्होंने मुझे दो यॉर्कर भी फेंके। इससे पता चलता है कि उनके पास सिर्फ़ गति ही नहीं बल्कि वह एक चालाक गेंदबाज़ हैं।"

इस मैच में मयंक की औसत गति 148 किमी/घंटे की रही, जबकि उन्होंने एक बार 155.8 किमी/घंटे की रफ़्तार को भी पार किया जो इस सत्र की सबसे तेज गेंद थी। इससे पहले उन्होंने 2023-24 के सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के दौरान पंजाब के ख़िलाफ़ 155.1 किमी/घंटे की रफ़्तार को भी छुआ था।

मयंक कहते हैं, "यह पहली बार था, जब मैं 156 की गति के क़रीब पहुंचा। इससे पहले मैंने 155 की रफ़्तार को छुआ था।"

मयंक बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें रफ़्तार से प्यार है और यह लगाव उनके क्रिकेट जीवन से इतर भी है।

"क्रिकेट के अलावा आम जीवन में भी रफ़्तार मुझे बहुत प्रभावित और रोमांचित करती है। बचपन से ही जेट्स मुझे बहुत पसंद थे और जब भी आसमान में मैं रॉकेट या प्लेन को उड़ता देखता था तो काफी रोमांचित होता था।" इसके अलावा मयंक को सुपर बाइक्स भी बहुत पसंद हैं।

मयंक दिल्ली की तरफ़ से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और उनके लिए एक रणजी, 17 लिस्ट ए और 10 टी20 मैच खेल चुके हैं। 2021-22 के डेब्यू घरेलू सीज़न में उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ एक विजय हज़ारे ट्रॉफी मैच के दौरान विजय दहिया उनसे ख़ासा प्रभावित हुए, जो उस समय उत्तर प्रदेश और लखनऊ सुपर जायंट्स दोनों टीमों के कोचिंग स्टाफ़ का हिस्सा थे।

इसके बाद दहिया ने मयंक से उनकी गेंदबाज़ी के फ़ुटेज़ मांगे और उसी साल की नीलामी में उन्हें लखनऊ द्वारा ख़रीद लिया गया। हालांकि 2022-23 के घरेलू सीज़न के दौरान उनका हैमस्ट्रिंग फट गया और 2023-24 के दौरान वह साइड स्ट्रेन का शिकार हुए। इसके कारण वह अधिकतर समय एक्शन से बाहर रहे। चोट के कारण ही वह पिछले साल आईपीएल से भी बाहर थे।

हालांकि इस युवा तेज़ गेंदबाज़ को पता है कि आगे की उनकी सबसे बड़ी चुनौती ख़ुद को चोटों बचाये रखना है। वह कहते हैं, "मैं आज तक जितने भी फ़िज़ियो से मिला हूं, वे बताते हैं कि चोट तेज़ गेंदबाजों के जीवन का हिस्सा हैं। मुझे पिछले एक-डेढ़ साल में दो-तीन बड़ी इंज़री हुई हैं। पिछले साल चोट के कारण ही मैं आईपीएल नहीं खेल सका था। इसलिए मेरा लक्ष्य यही है कि मैं ख़ुद की फ़िटनेस का ख़्याल रखूं और अपनी ट्रेनिंग व रिकवरी पर फ़ोकस करुं।"

डेब्यू मैच की रणनीतियों के बारे में बात करते हुए मयंक ने कहा, "मुझे पता था कि पेस ही मेरा प्लस पॉइंट है और मैंने उसको ही अच्छे तरीके से यूज़ करने की कोशिश की। कोच जस्टिन लैंगर और गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मॉर्केल को भी पता है कि मैं पेस के साथ हार्ड लेंथ पर गेंदबाज़ी करना पसंद करता हूं, इसलिए उन्होंने मुझसे कहा था कि अपना प्लान सिंपल रखना और जितना हो सके हार्ड लेंथ पर गेंद डालना और स्टंप्स पर गेंद को फ़िनिश करना। मैच के दौरान मैंने बस यही किया।"

मयंक ने बताया कि क्रिकेट में उनके एकमात्र आदर्श डेल स्टेन हैं और वह उन्हीं की तरह बेधड़क, आक्रामक और तेज़ गेंदबाज़ी करना चाहते हैं।

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