नीरज चोपड़ा : ओलंपिक इतिहास रचने वाले एथलीट, जिन्होंने जैवलिन थ्रो में दिलाई देश को नई पहचान

Updated: Tue, Dec 23 2025 21:28 IST
Image Source: IANS
Paris Olympics: स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारत को इस खेल में नई पहचान दिलाई है। ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में ओलंपिक गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक गेम्स में 2 मेडल अपने नाम किए हैं।

24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में जन्मे नीरज चोपड़ा बचपन में खाने-पीने के बेहद शौकीन थे। यही वजह रही कि कम उम्र में ही नीरज का वजन 80 किलोग्राम तक पहुंच गया था।

नीरज के बढ़ते वजन ने परिवार को चिंतित कर दिया था। ऐसे में उन्हें खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इसी प्रेरणा ने उनकी जिंदगी बदल दी।

90 मीटर क्लब में शामिल होकर भारतीय एथलेटिक्स की मानसिक सीमा तोड़ने वाले नीरज चोपड़ा ने जैवलिन को भारत में हाशिये से मुख्यधारा में लाने का काम किया है। साल 2012 से अब तक नीरज चोपड़ा 79 भाला फेंक प्रतियोगिता में शामिल हुए, जिसमें 43 में जीत दर्ज की है। 18 मौकों पर वह दूसरे स्थान पर रहे। तीन बार उन्होंने तीसरा स्थान अपने नाम किया है। यही वजह रही कि भारतीय फैंस किसी प्रतियोगिता में नीरज के शामिल होने को मेडल की गारंटी समझते हैं।

साल 2012 में नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप (अंडर 16) में 68.46 मीटर की दूरी तय करते हुए पहला स्थान हासिल किया था। अगले साल उन्होंने यूथ चैंपियनशिप जीती। साल 2014 में नीरज भारतीय अंडर 18 चैंपियनशिप में पहले स्थान पर रहे। इसी साल उन्होंने यूथ ओलंपिक गेम्स क्वालिफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल किया।

नीरज चोपड़ा एशियन चैंपियनशिप 2015 में 9वें स्थान पर रहे, जिसके बाद उन्होंने अपनी खामियों से सबक लेते हुए इंटरनेशनल चैंपियनशिप, फेड कप जूनियर चैंपियनशिप, भारतीय चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और इंडियन ग्रां प्री 1 में पहला स्थान हासिल करते हुए चमक बिखेरी।

साल 2016 में नीरज चोपड़ा ने आईएएएफ वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप जीती। इसके बाद साल 2018 में फेडरेशन कप अपने नाम किया। साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप जीतने के बाद शानदार प्रदर्शन करते हुए 2020 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया।

'मैन विद गोल्डन आर्म' ने साल 2022 में लुसाने डायमंड लीग और ज्यूरिख डायमंड लीग जीती। अगले साल दोहा डायमंड लीग, लुसाने डायमंड लीग और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया।

नीरज चोपड़ा को 2024 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन यहां उन्हें सिल्वर मेडल के साथ संतोष करना पड़ा। साल 2025 में नीरज चोपड़ा ने पेरिस डायमंड लीग, ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक और एनसी क्लासिक में पहला स्थान हासिल किया।

नीरज चोपड़ा की सफलता से देशभर में कई युवा एथलीट्स इस खेल की ओर आकर्षित हुए। नीरज ने भारत में इस खेल के सिस्टम में बदलाव लाने का काम किया है।

नीरज चोपड़ा को 2024 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन यहां उन्हें सिल्वर मेडल के साथ संतोष करना पड़ा। साल 2025 में नीरज चोपड़ा ने पेरिस डायमंड लीग, ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक और एनसी क्लासिक में पहला स्थान हासिल किया।

Also Read: LIVE Cricket Score

नीरज के साथ ग्रामीण और छोटे शहरों के खिलाड़ियों को रोल मॉडल मिला कि सीमित संसाधनों से भी विश्व स्तर तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने भारत के खेल को आत्मविश्वास से भरी वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में मोड़ा। देश को भविष्य में भी नीरज चोपड़ा से ओलंपिक मेडल की आस होगी।

Article Source: IANS
TAGS

संबंधित क्रिकेट समाचार ::

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें