खिलाड़ियों के बीच बहस या इशारेबाजी खेल का हिस्सा : सुनील सग्गी
आईएएनएस से बात करते हुए सुनील सग्गी ने कहा, "मैच के दौरान खिलाड़ियों के बीच इशारेबाजी चलती रहती है। यह खेल का हिस्सा है और इसे भड़काऊ नहीं कहा जा सकता। इस तरह की घटनाएं सिर्फ मैदान में मैच के दौरान होती हैं। मैच के बाद इनका कोई असर नहीं रहता।"
सुनील सग्गी ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मैच पूरी दुनिया में रोमांच और उत्साह के साथ देखा जाता है। दोनों टीमें जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगाती हैं और किसी भी कीमत पर हार मानने के लिए तैयार नहीं होतीं। ऐसे में खिलाड़ियों की ओर से की जाने वाली कुछ प्रतिक्रियाएं खेल की टाइमिंग और एक्साइटमेंट का हिस्सा मानी जानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि टीवी पर भले ही यह सब कुछ ज्यादा भड़काऊ दिखाई देता हो, लेकिन असलियत में यह सिर्फ खेल का हिस्सा होता है। आईसीसी की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आईसीसी का अपना निर्णय लेने का तरीका है और वह विश्वस्तरीय दृष्टिकोण से हर चीज का अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लेती है। इसलिए उसका निर्णय हमेशा सही और निष्पक्ष माना जाना चाहिए।
सुनील सग्गी ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मैच पूरी दुनिया में रोमांच और उत्साह के साथ देखा जाता है। दोनों टीमें जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगाती हैं और किसी भी कीमत पर हार मानने के लिए तैयार नहीं होतीं। ऐसे में खिलाड़ियों की ओर से की जाने वाली कुछ प्रतिक्रियाएं खेल की टाइमिंग और एक्साइटमेंट का हिस्सा मानी जानी चाहिए।
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भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने पर शुभकामना देते हुए उन्होंने कहा, फाइनल में भारतीय टीम को लापरवाह नहीं होना चाहिए। मुकाबला कड़ा और रोमांचक हो सकता है, इसलिए खिलाड़ियों को पूरी तैयारी और एकाग्रता के साथ मैदान में उतरना होगा।