सैयद किरमानी जन्मदिन विशेष: अपनी तकनीक की वजह से विकेटकीपिंग को नई दिशा देने वाले दिग्गज
सैयद किरमानी का जन्म 29 दिसंबर 1949 को चेन्नई में हुआ था। यह वह समय था जब भारत अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद अपने दम पर खड़े होने की कोशिश कर रहा था। बचपन से देश के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देखने वाले किरमानी ने कर्नाटक और रेलवे के लिए घरेलू क्रिकेट खेला और दमदार प्रदर्शन के दम पर जनवरी 1976 में पहली बार भारतीय टीम में जगह बनाई। उनका पहला अंतरराष्ट्रीय मैच टेस्ट था जो न्यूजीलैंड के खिलाफ था। उसी साल फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ ही उन्होंने वनडे में भी डेब्यू किया।
1976 से 1986 के बीच 10 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में किरमानी अपनी बेहतरीन विकेटकीपिंग के लिए जाने गए। विकेट के पीछे उनकी चपलता और तकनीक ऐसी थी कि बल्लेबाज रन लेने और स्पिनरों को आगे बढ़कर हिट करने से पहले कई बार सोचते थे।
किरमानी ने बतौर विकेटकीपर भारतीय टीम में फारुख इंजीनियर की जगह ली थी और आगे चलकर देश के श्रेष्ठ विकेटकीपर बने।
सैयद किरमानी 1983 में वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
किरमानी ने बतौर विकेटकीपर भारतीय टीम में फारुख इंजीनियर की जगह ली थी और आगे चलकर देश के श्रेष्ठ विकेटकीपर बने।
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सैयद किरमानी को 1982 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2016 में उन्हें 2015 का कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।