चेन्नई टेस्ट 1999 पर बोले वकार, सचिन की बल्लेबाजी दुनिया से बाहर थी

Updated: Sun, Jul 19 2020 08:20 IST
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नई दिल्ली, 19 जुलाई - वर्ष 1999 में चेन्नई में भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया टेस्ट मैच एक ऐसा मैच है, जिसके बारे में काफी चर्चा होती है। भारत को इस मैच में पाकिस्तान से 271 रनों का लक्ष्य मिला था, और भारतीय टीम 12 रन से मैच को गंवा बैठी थी।

वकार यूनिस की अगुवाई वाली पाकिस्तान टीम के पास वसीम अकरम और सकलैन मुश्ताक जैसे दिग्गज गेंदबाज थे। मुश्ताक ने इस मैच की दूसरी पारी में पांच विकेट झटकर भारत को हार थमा दी थी।

वकार ने द ग्रेटेस्ट रिवेलरी पोडकास्ट में कहा, " हमने एक नई गेंद ली और पहली बॉल पर नयन मोंगिया ने इसे हवा में मारा। मुझे लगता है कि वह जल्दबाजी में थे या मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था। उन्होंने कहा कि खेल खत्म हो गया था और उन्होंने उस खेल को जीत लिया, और उन्हें थोड़ी शालीनता मिली, विशेषकर नयन मोंगिया। एक बार जब वह बाहर निकले, तब भी हम यही सोच रहे थे, 'ऐसा होने वाला नहीं है, हम इस मैच को जीतने नहीं जा रहे हैं। जब तक सचिन हैं, तब तक यह नहीं होगा।"

मोंगिया ने दूसरी पारी में सचिन के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 136 रनों की साझेदारी की थी। मोंगिया के आउट होने के बाद सचिन पाकिस्तान और जीत के बीच खड़े थे।

वकार ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सचिन उस समय क्या सोच रहे थे। उनके पास अभी भी चार विकेट बाकी थे और उन्हें 16 रनों की जरूरत थी।"

उन्होंने कहा, "जिस तरह से वह बल्लेबाजी कर रहे थे, वह इस दुनिया से बाहर थे। फिर अगले ही ओवर में, मुझे लगता है, सचिन ने सकलेन मुश्ताक को, हवा में एक चौका मारा। उनके इस चौके के बाद हमने यह कहना शुरू कर दिया कि हम उन्हें 15-16 रन नहीं बनाने देंगे। जो आवश्यक भी था।"

पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, "फिर सकलैन उन सभी पर हावी हो गए। मैच बचाना उनके लिए मुश्किल था, या बाहर हिट करने वे विकेट खो रहे थे। मुझे लगता है कि उन्होंने पांच या छह ओवरों में सभी चार विकेट खो दिए। मैं कहना चाहूंगा कि मैंने जो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट देखे, उनमें से एक यह है जिसे मैंने खेला और मैंने देखा।"


आईएएनएस

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