अंपायर से नहीं झेला गया शाकिब अल हसन की बदतमीजी का दबाव, उठाया बड़ा कदम
बांग्लादेश के अंपायर मोनिरुज्जमां (Moniruzzaman) ने शाकिब अल हसन और महमुदुल्लाह द्वारा अंपायर के प्रति किए गए व्यवहार के बाद अंपायरिंग छोड़ने का फैसला किया है। ढाका प्रीमियर लीग में लाइव मैच के दौरान शाकिब अल हसन गुस्से से अंपायर की ओर ऐसे दौड़े जैसे वो उन्हें मारने जा रहे हों। इसके बाद शाकिब ने तेजी से विकेट पर लात मारी और अंपयार को डराने की भी कोशिश की।
क्रिकबज के साथ बातचीत के दौरान अंपायर मोनिरुज्जमां ने कहा, 'अब बहुत हो गया है और मैं अब अंपायरिंग नहीं करना चाहता हूं। अंपायर गलतियां कर सकते हैं लेकिन अगर हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जाए तो यह काफी दुखद है। अब अंपायरिंग करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि मैं इसे सिर्फ पैसे के लिए नहीं करता हूं।'
अंपायर मोनिरुज्जमां ने आगे कहा, 'मैं शाकिब वाले खेल में शामिल नहीं था। जिस तरह से उसने व्यवहार किया वह मेरे लिए पचाना बहुत कठिन था। महमुदुल्लाह ने जब अंपायर से गलत व्यवहार किया तब मैच में मैं टीवी अंपायर था और इस घटना को काफी करीब से देख रहा था। इसने मुझे स्तब्ध कर दिया और उस समय, मैंने अंपायरिंग नहीं करने का फैसला किया।'
अंपायर मोनिरुज्जमां ने कहा, 'मैं बीसीबी का कर्मचारी नहीं हूं और अंपायरों को बोर्ड से जो पैसा मिलता है, उसे देखते हुए मैं इसे नहीं ले सकता। मैं अंपायरिंग खेल के लिए प्यार की वजह से कर रहा था। मुझे सिर्फ मैच फीस मिलती थी। मैं खुशनसीब हूं कि अब तक मेरे साथ कुछ भी अनहोनी नहीं हुई लेकिन कौन जानता है कि अगले मैच में मुझे अपमान का शिकार होना पड़े।'
बता दें कि शाकिब अल हसन पर इस शर्मनाक हरकत के बाद जुर्माना और 3 मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया था, जबकि महमुदुल्लाह पर दुर्व्यवहार के लिए 20 हजार बांग्लादेशी रुपये का जुर्माना लगाया गया था। महमुदुल्लाह पर जिस मैच में जुर्माना लगाया गया था उस मुकाबले में मोनिरुज्जमां टीवी अंपायर थे।