दिहाड़ी मजदूरों से 8 गुना कम वेतन पर क्रिकेट खेल रहे हैं क्रिकेटर्स, ये है अमीर बोर्ड की काली सच्चाई

Updated: Fri, Jun 10 2022 18:26 IST
Cricket Image for Uttarakhand cricketers paid Rs 100 as their daily allowance (Image Source: Google)

Uttarakhand Cricketers daily allowance: टीम इंडिया के क्रिकेटर्स देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एथलीटों में से एक हैं। भारतीय क्रिकेटर्स की कमाई करोड़ों में होती है हर साल विभिन्न माध्यमों से वो जमकर पैसे कमाते हैं। हालांकि, ये पूरा सच नहीं है कई हाई-प्रोफाइल क्रिकेटरों जो या तो बीसीसीआई के कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट का हिस्सा हैं या आईपीएल फ्रेंचाइजी के पेरोल पर हैं उन्ही खिलाड़ियों के लिए ये बात लागू होती है।

ऐसे सैकड़ों क्रिकेटर्स हैं जिनके पास ना के बराबर पैसा है। वो अपने वेतन के लिए अपने घरेलू क्रिकेट संघों पर निर्भर हैं। लोग विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे टॉप क्रिकेटरों के शानदार जीवन को देखकर एक क्रिकेटर के जीवन के बारे में धारणा बनाते हैं। लेकिन, लोग उन सैकड़ों क्रिकेटरों की मुश्किलों को नज़रअंदाज कर देते हैं, जिन्हें कम पैसों में अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।

उदाहरण के लिए, उत्तराखंड पुरुष क्रिकेट टीम की स्थिति को लें। News9 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के क्रिकेटरों को उनके दैनिक भत्ते के रूप में 100 रुपये का भुगतान किया जा रहा है और ऐसा पिछले 12 महीनों से चल रहा है। 

मजदूरों से कम मिल रहा है पैसा
स्थिति कितनी खराब है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) द्वारा मिलने वाला पैसा एक मजदूर के वेतन से भी कम है। वहां पर एक मजदूर का औसत दैनिक भत्ता 800 रुपये तय किया गया है। जो इन क्रिकेटरों को मिलने वाले वेतन से आठ गुना ज्यादा है। 

पानी की बोतलों पर खर्चे लाखों
इसी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राज्य बोर्ड ने अपने एक ट्रायल टूर्नामेंट के दौरान भोजन और खानपान पर 1.74 करोड़ रुपये, केले पर 35 लाख रुपये और पानी की बोतलों पर 22 लाख रुपये खर्च किए थे। यह सब स्पष्ट रूप से साबित करता है कि उन्हें पैसों की कोई कमी नहीं है।

सौरव गांगुली को कर रहे हैं फैंस ट्रोल
जब से यह खबर सामने आई है, फैंस भारतीय क्रिकेट बोर्ड को जमकर ट्रोल कर रहे हैं। वो बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की आलोचना कर रहे हैं, जिन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में घरेलू क्रिकेटरों के कल्याण के लिए काम करने का वादा किया था।

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