'विराट और शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट में मुझे दूसरा जन्म दिया', रोहित ने जीत के बाद खोला दिल
भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को कानपुर में दूसरे टेस्ट मैच में बांग्लादेश को सात विकेट से हराकर दो मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली। इस सीरीज में 2-0 की जीत के साथ ही टीम इंडिया ने ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप अंक तालिका में अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है। बांग्लादेश के खिलाफ 2-0 की जीत के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का एक बयान काफी वायरल हो रहा है।
बांग्लादेश के खिलाफ जीत के बाद रोहित ने कहा कि विराट कोहली और रवि शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट में उन्हें "दूसरा जन्म" दिया है। उन्होंने बताया कि कोहली की मेहनत और शास्त्री की कोचिंग ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाया और उनके खेल में सुधार लाया। रोहित ने ये भी साझा किया कि दोनों ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और एक टीम के रूप में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
रोहित ने जतिन सप्रू के यूट्यूब चैनल पर कोहली और शास्त्री के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा, "दूसरी पारी में, मैं रवि शास्त्री और विराट कोहली का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका दिया। टेस्ट में मुझे बढ़ावा देना आसान फैसला नहीं था। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया।उन्होंने मुझे एक अभ्यास मैच खेलने के लिए कहा, जो मैंने किया। मैं पहली ही गेंद पर आउट हो गया, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था। ये टेस्ट क्रिकेट में दूसरे जन्म जैसा लगा। मुझे पता था कि मुझे इस अवसर का लाभ उठाना होगा, चाहे वो ओपनिंग हो, नंबर 5 या 6 पर बल्लेबाजी करना हो या फिर निचले क्रम पर बल्लेबाजी करना हो।"
रोहित ने 2013 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया, लेकिन टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने 2018 तक केवल 27 टेस्ट खेले, जिसमें तीन शतक और 10 अर्द्धशतक के साथ 1585 रन बनाए और टीम में नियमित नहीं रहे लेकिन इसके बाद पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री और उस समय कप्तान रहे विराट कोहली ने उनसे ओपनिंग करवाकर उनका टेस्ट करियर रिवाइव करने का काम किया।
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रोहित ने आगे कहा, "उनका जवाब स्पष्ट था, मैं अपना स्वाभाविक खेल खेलूंगा और बचने की कोशिश करने का दबाव नहीं लूंगा। मैं खुलकर खेलूंगा। अगर गेंद है, चाहे वो टेस्ट की पहली गेंद हो या नहीं, मैं उसे हिट करूंगा। उन्होंने मुझे वो करने की स्वतंत्रता दी जो मैं करना चाहता था। रवि भाई लंबे समय से चाहते थे कि मैं टेस्ट में ओपनिंग करूं। उन्होंने 2015 में मुझसे कहा कि मुझे इसे एक विकल्प के रूप में विचार करना चाहिए। वो चाहते थे कि मैं ओपनिंग करूं, लेकिन फैसला मेरे हाथ में नहीं था।"