बेटे के शानदार प्रदर्शन के बावजूद खुश नहीं हैं सुंदर के पापा, ब्रिस्बेन टेस्ट के दूसरे दिन हुई थी फोन पर बात
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करने वाले वॉशिंगटन सुंदर ने अपने करियर का शानदार आगाज़ करते हुए पहले ही टेस्ट मैच में अर्द्धशतकीय पारी खेली। टीम इंडिया के लिए अहम भूमिका निभाते हुए सुंदर ने 144 गेंदों पर 62 रनों की शानदार पारी खेली। इस पारी के बाद उनकी चौतरफा तारीफ हो रही है लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो उनके शानदार प्रदर्शन के बाद भी निराश है और वो और कोई नहीं बल्कि उनके अपने पिता-एम. सुंदर हैं।
सुंदर के अलावा शार्दूल ठाकुर ने भी इस मैच में अर्धशतक लगाया और ब्रिस्बेन टेस्ट के तीसरे दिन भारत को बड़े अंतर से पिछड़ने से बचाया। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी। दोनों ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करने वाले चौथे भारतीय जोड़ीदार बने।
वॉशिंगटन के पिता एम. सुंदर ने अपने बेटे की पारी रके बारे में बात करते हुए कहा, "मैं निराश हूं कि वह शतक पूरा नहीं कर सका। जब सिराज आए थे तब उसे चौके और छक्के लगाने चाहिए थे। वह यह कर सकता था। उसे पुल करना चाहिए था और बड़े शॉट्स लगाने चाहिए थे। और कुछ नहीं तो उसे ऑस्ट्रेलिया के स्कोर की बराबरी करने की कोशिश करनी चाहिए थी।"
एम. सुंदर ने कहा कि रोजाना उनकी बेटे से बात होती और एक दिन पहले भी हुई थी। उन्होंने कहा, "मैंने उससे कहा था कि मौका मिले तो बड़ा स्कोर खेलना। उसने कहा था कि वह जरूर खेलेगा।"
सुंदर से पहले भारत के लिए टेस्ट मैचों में डेब्यू के साथ अर्धशतक लगाने के साथ-साथ तीन या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा अब तक सिर्फ दो खिलाड़ी कर सके थे। इनमें से एक दत्तू फडकर भी थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया का पहली बार दौरा करने वाली भारतीय टीम के लिए यह कारनामा किया था।
सुंदर के पिता जी ने कहा कि उनके बेटे को सातवें क्रम पर खेलने का मौका मिला, यह अलग बात है पर वह स्वाभावित तौर पर ओपनिंग बल्लेबाज है। पिता ने कहा, "वह नेचुरल ओपनिंग बल्लेबाज है। उसने नई गेंद से ढेरों रन बनाए हैं।"