कपिल देव चाहते हैं ऋषभ पंत को थप्पड़ मारना - क्यों ?

Updated: Mon, Feb 20 2023 08:33 IST
Kapil Dev (Image Source: Google)

सब जानते हैं ऋषभ पंत के कार एक्सीडेंट के बारे में। हर क्रिकेट प्रेमी की दुआ है कि वे जल्दी से ठीक हो जाएं और क्रिकेट में वापस लौटें। साथ ही, सब ये भी मानते हैं कि ऋषभ आज क्रिकेट में जिस मुकाम पर हैं, उन से उम्मीद थी कि कोई जोखिम न उठाते और इस तरह के एक्सीडेंट से बच सकते थे। तकलीफ वे तो झेल ही रहे हैं- उनकी कमी ने क्रिकेट सीजन के बीच, टीम इंडिया का बेलेंस भी बिगाड़ दिया है।

इस बात को कपिल देव ने अपने उसी बेबाक, हरियाणवी अंदाज में कह दिया जिसके लिए वे मशहूर हैं- 'मैं चाहता हूं कि ऋषभ पंत ठीक हो जाएं ताकि मैं जाकर उन्हें थप्पड़ मार सकूं।' बड़ी सनसनीखेज स्टेटमेंट है कि कपिल देव थप्पड़ मारेंगे ऋषभ पंत को। फिर भी, किसी ने इसका गलत मतलब नहीं निकाला। कपिल खुद भी होशियार थे और अपनी उसी स्टेटमेंट में आगे स्पष्ट कर दिया कि ये उनका ऋषभ पंत के लिए सख्त पिता जैसा प्यार है कि वे ऐसा कह रहे हैं। कपिल देव की इस स्टेटमेंट को, गलत तरह से न पेश किए जाने की एक और वजह ये भी है कि भला उनका ऋषभ पंत से क्या पंगा?

बहरहाल जब स्टेटमेंट का गलत (या सही) मतलब निकालने की बात आए तो खुद, कपिल देव से बेहतर कौन जानता है कि इससे क्या होता है? कपिल देव ने कुछ साल पहले भी एक और क्रिकेटर के साथ ऐसा सीनियर वाला 'प्यार' दिखाया था। तब, कपिल देव की एक स्टेटमेंट मीडिया में सुर्ख़ियों में थी- कपिल ने कहा कि सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में कम उपलब्धि हासिल की! स्टेटमेंट को जिस अंदाज में पेश किया गया, उस वजह से कपिल की बड़ी आलोचना हुई।

कपिल कहते रहे कि प्रेस ने उनकी स्टेटमेंट का गलत मतलब निकाला। जो मतलब निकाला गया वह ये था कि कपिल, मुंबई के क्रिकेटरों को पसंद नहीं करते। वे सचिन तेंदुलकर के बारे में ऐसा क्यों कह रहे हैं- ये तो किसी भी जानने की कोशिश ही नहीं की। सब जुट गए सुनील गावस्कर के साथ उनके मतभेद के किस्सों को उछालने में। कपिल सफाई देते रहे कि उनका इरादा सचिन के टेलेंट पर सवालिया निशान लगाने का नहीं था पर जो नुकसान होना था, वह हो गया। वे तो कह रहे थे कि सचिन इससे भी ज्यादा हासिल कर सकते थे।

लाला अमरनाथ-विजय मर्चेंट के टकराव के समय से नार्थ-वेस्ट (तो कभी दिल्ली-मुंबई) टकराव, सबसे बड़ी चर्चा में से एक रहा है और बिशन बेदी-सुनील गावस्कर की बदौलत इसकी चर्चा आगे ही बढ़ी, कम नहीं हुई। वही बात जहन में थी और कई साल लग गए सचिन के बारे में कपिल देव की स्टेटमेंट को चर्चा से हटाने में।

ये तो कुछ भी नहीं था। खुद कपिल देव के बारे में एक स्टेटमेंट पर जो हंगामा हुआ वह तो कमाल था और भारतीय क्रिकेट में उसकी दूसरी कोई मिसाल नहीं। 1983 वर्ल्ड कप में जीत के बाद, भारतीय क्रिकेट में सबसे बड़ी चर्चा था सुनील गावस्कर-कपिल देव विवाद। संयोग से, उस दौर में, कुछ ऐसे फैसले लिए गए जिन्होंने टकराव की इस खबर पर 'आग में घी डालने वाला काम' किया। वर्ल्ड कप जीत में जिन कपिल देव की कप्तानी की सभी ने तारीफ की- वे कुछ ही दिन बाद हटा दिए गए और नए कप्तान और कोई नहीं सुनील गावस्कर थे।

तब भी गावस्कर ही कप्तान थे जब कपिल पर इंग्लैंड के विरुद्ध दिल्ली टेस्ट में गैर-जिम्मेदाराना स्ट्रोक लगाने का आरोप लगाकर, उन्हें कोलकाता के अगले टेस्ट की टीम से निकाल दिया गया। इसी पर कोलकाता टेस्ट के दौरान 'नो कपिल, नो टेस्ट' के पोस्टर लगे और गावस्कर की ऐसी हूटिंग हुई कि उन्होंने कसम खाई कि आगे से कोलकाता में नहीं खेलेंगे। उसी दौर में, कपिल के लगातार कम स्कोर पर आउट होने पर गावस्कर ने स्टेटमेंट दी- कपिल कभी टेस्ट में एक और 50 नहीं बना पाएंगे।

कपिल देव जैसे क्रिकेटर के बारे में इतनी बड़ी बात कह दी! ये स्टेटमेंट भी उसी 'नार्थ-वेस्ट' में जुड़ गई। किसी ने भी ये समझने की कोई कोशिश नहीं कि अपने 'मैच विनर' क्रिकेटर के बारे में गावस्कर ऐसा क्यों कह रहे हैं? कपिल पर इस कटाक्ष के पीछे गावस्कर का इरादा तो था कपिल को उत्साहित करना क्योंकि वास्तव में कपिल ने टेस्ट क्रिकेट में वह बल्लेबाजी नहीं की, जो वे कर सकते थे। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 5 हजार रन बनाने का टारगेट भी गावस्कर ने ही दिया था और कपिल आज भी मानते हैं कि इसी चुनौती पर ही वे वास्तव में 5 हजार टेस्ट रन की गिनती पार कर पाए थे।

कभी 50 न बनाने की स्टेटमेंट के पीछे गावस्कर सिर्फ उन्हें उत्साहित कर रहे थे कि बेहतर खेलें और 50 बनाएं। वास्तव में वही हुआ और कपिल ने दो 50 बनाए जल्दी-जल्दी बना दिए पर ऐसी स्टेटमेंट का गलत मतलब निकालना बड़ा नुक्सान वाला रहा था। आखिर में बीसीसीआई अध्यक्ष एनकेपी साल्वे को, इन दोनों को, सभी मुद्दों पर बात करने, अपने घर बुलाना पड़ा था। खैर ये सभी अलग स्टोरी हैं।

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अच्छा है अब किसी ने कपिल की 'थप्पड़' स्टेटमेंट का गलत मतलब नहीं निकाला।

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