शुभमन गिल का खराब फॉर्म नहीं हो रहा खत्म, क्या संजू सैमसन को अगले मैच में मौका मिलेगा?
भारतीय टीम ने अनजाने में शुभमन गिल के लिए मुश्किल स्थिति खड़ी कर दी है। टी-20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले अब केवल आठ मैच बचे हैं और शुभमन गिल का खराब फॉर्म टीम इंडिया के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इसी बीच संजू सैमसन ने टी-20 में ओपनिंग करते हुए लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन किया है लेकिन गिल को टीम में फिट करने के चलते उन्हें बाहर बैठना पड़ रहा है।
गिल, जिन्हें टीम का वाइस-कैप्टन बनाकर शीर्ष क्रम में जगह दी गई, लगातार रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आश्चर्य की बात ये है कि सैमसन टीम का हिस्सा होते हुए भी मौजूदा योजनाओं में कहीं नजर नहीं आ रहे। जब गिल को फिर से टी-20I सेटअप में उप-कप्तान बनाकर शामिल किया गया, तो टीम मैनेजमेंट ने ये दलील दी थी कि सैमसन केवल अस्थायी ओपनर थे। लेकिन सैमसन के आंकड़े कुछ और ही कहानी कहते हैं।
उन्होंने 17 टी-20 पारियों में 32 की औसत और लगभग 180 की स्ट्राइक रेट से 522 रन बनाए, जिनमें तीन शतक शामिल हैं। ये प्रदर्शन उन्हें एक स्थायी ओपनर के रूप में बेहद मजबूत दावेदार बनाता है। वहीं, अगर गिल की वापसी के बाद से उनके टी-20 प्रदर्शन पर गौर करें तो उन्होंने 14 मैच की 14 पारियों में 263 रन बनाए हैं जिसके दौरान उनका स्ट्राइक रेट 142.93 का रहा है और उनका सर्वाधिक स्कोर सिर्फ 47 रन का रहा है। गिल ने टीम में वापसी के बाद से सिर्फ तीन बार 30 या उससे अधिक का स्कोर बनाया है।
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इन नंबरों से साफ है कि सैमसन शीर्ष क्रम में कहीं अधिक प्रभावशाली और आक्रामक बल्लेबाज़ रहे हैं। उनके और अभिषेक शर्मा के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला, जो टीम को शुरुआत में मज़बूती देता है। ऐसे में ये साफ पता चलता है कि सैमसन अपनी निरंतरता और स्ट्राइक रेट के कारण ओपनिंग स्थान के लिए अधिक उपयुक्त हैं। वर्ल्ड कप से पहले सीमित समय बचा है और ऐसे में भारत को संभवतः अपने पुराने सफल ओपनिंग जोड़ी पर भरोसा करना चाहिए। सैमसन को वापस उतारने से न केवल स्थिरता मिलेगी बल्कि उन्हें अपने रोल में वापस ढलने का मौका भी हासिल होगा। अब असली सवाल यही है कि क्या टीम मैनेजमेंट ये साहसिक बदलाव करेगा?