युजवेंद्र चहल बिना प्लेइंग XI में शामिल हुए मैन ऑफ द मैच जीतने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बने
भारत ने कैनबरा में खेले गए पहले टी-20 इंटरनेशनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को 11 रनों से हराया। इसके साथ ही कोहली एंड कंपनी ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। इस मैच में ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने अंतिम ओवरों में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की जमकर खबर लेते हुए तेज तर्रार 44 रनों की पारी खेली। हालांकि जडेजा को 20वें ओवर में मिशेल स्टार्क की गेंद पर सर में चोट लग गई और इसके कारण उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। जडेजा की जगह लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) को कनकशन सब्सटीट्यूट के रूप में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया।
चहल ने मैच में गेंदबाजी करते हुए 4 ओवरों में महज 25 रन देते हुए कुल 3 बड़े विकेट अपने नाम किए। चहल को उनकी इस बेहतरीन गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया।
चहल वर्ल्ड क्रिकेट इतिहास में पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने बतौर कन्कशन सब्सटीट्यूट मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता हो।
हालांकि इससे पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में बतौर सुपर सब्सटीट्यूट तीन खिलाडियों को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला है।
साल 2005 में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड भारत के खिलाफ बुलावायो के मैदान पर हुए वनडे मुकाबले में बतौर सुपर सब्सटीट्यूट टीम में शामिल हुए और मैच में उन्होंने 19 रन देकर 6 विकेट चटकाए जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।
इस लिस्ट में दूसरे खिलाड़ी के रूप में न्यूजीलैंड के स्पिनर जीतन पटेल शामिल है। जीतन पटेल ने साल 2006 में वेलिंग्टन के मैदान पर हुए वनडे मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ 23 रन देकर 2 विकेट चटकाए और बतौर सुपर सब्सटीट्यूट मैन ऑफ द मैच जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने।
इस लिस्ट में तीसरा और आखिरी नाम श्रीलंका के स्पिनर मलिंगा बंडारा का है। बंडारा ने साल 2006 में होबार्ट के मैदान पर साउथ अफ्रिका के खिलाफ हुए वनडे मैच में बतौर सुपर सब्सटीट्यूट खेलते हुए मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता था।