हेडिंग्ले स्टेडियम: भारत-इंग्लैंड टेस्ट इतिहास के अनसुने और रोचक किस्से

Updated: Sun, Jun 22 2025 08:33 IST
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England vs India at Headingley: इंग्लैंड और भारत के बीच 5 टेस्ट की बड़ी और इस इंग्लिश सीजन की सबसे ख़ास सीरीज, 20 जून को हेडिंग्ले में पहले रोथेसे टेस्ट के साथ शुरू होगी। इस स्टेडियम में टेस्ट क्रिकेट की वापसी हो रही है क्योंकि आखिरी टेस्ट जुलाई 2023 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेले थे। ये हेडिंग्ले स्टेडियम, यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब (Yorkshire County Cricket Club) का होम या यूं कह लीजिए हेडक्वार्टर है और खेल इतिहास की कई याद से भरा है। 

थोड़ी सी ऊंचाई से देखें तो दो बड़े खूबसूरत इंटरनेशनल स्पोर्ट्स ग्राउंड साथ-साथ नजर आते हैं-  क्रिकेट पिच और उसके साथ रग्बी एरिना (Rugby Arena)। स्टेडियम, लीड्स शहर के सेंटर से सिर्फ 3 मील दूर है और शहर से बड़ी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। क्रिकेट विरासत की बात करें तो यॉर्कशायर, इंग्लैंड की ऐतिहासिक काउंटी में से एक है। इस काउंटी क्रिकेट क्लब ने इंग्लैंड को कई ऐसे बेहतरीन क्रिकेटर दिए हैं जो सीधे किसी भी आल टाइम इंग्लैंड XI में शामिल होने के दावेदार हैं। इस लिस्ट में हर्बर्ट सटक्लिफ, लेन हटन और ज्योफ बॉयकॉट जैसे कुछ नाम भी हैं। 

शुरुआत में, यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के फाउंडर लॉर्ड हॉक (Lord Hawke) की कोशिश और पैसे के इंतजाम की बदौलत लीड्स क्रिकेट, फुटबॉल और एथलेटिक कंपनी बनी और इसी ने एक मल्टी स्पोर्ट्स ग्राउंड को डेवलप किया। सितंबर 1890 में यहां पहला फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेला गया। 1903 में यॉर्कशायर ने अपना हेडक्वार्टर बना लिया हेडिंग्ले को। 2005 में इस ग्राउंड को यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब ने, मालिक कंपनी से 12 मिलियन पौंड में खरीदा और तब से, समय की मांग और आधुनिकता में बराबरी के लिए, अलग-अलग मौके पर, इस ग्राउंड में कई नए निर्माण और बदलाव हुए हैं। यहां पहला टेस्ट 1899 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला गया था।

इन सब सालों में इस स्टेडियम में टेस्ट क्रिकेट में कई खास रिकॉर्ड और बेमिसाल प्रदर्शन देखने को मिले हैं :

सबसे कमाल की वापसी: 1981 में, इंग्लैंड ने 227 रन से पीछे रहने के बाद फॉलोऑन किया और दूसरी पारी में एक वक्त उनका स्कोर 135/7 था। तब भी वे इस टेस्ट को 18 रन से जीत गए और सट्टा बाजार में 500/1 के ऑड्स के बावजूद उलटफेर कर दिया। टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ दूसरी बार किसी टीम ने फॉलोऑन  करने के बाद जीत हासिल की। 

डॉन ब्रैडमैन के दो टेस्ट 300: 1930 में तो उन्होंने एक ही दिन में 309 रन बनाए और ये आज तक एक बल्लेबाज के टेस्ट में एक दिन के खेल में 300 रन बनाने की अकेली मिसाल हैं। अगले दिन वे 334 रन बनाकर आउट हुए। 1934 में हेडिंग्ले में जब ऑस्ट्रेलिया ने फिर से टेस्ट खेला तो इस बार 304 रन बना दिए। 

एक और 300: इंग्लैंड के जॉन एडरिच ने 1965 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध 53 चौकों और 5 छक्कों के साथ 310* रन बनाए। इस पारी में एडरिच के पास गैरी सोबर्स के 365* के टेस्ट रिकॉर्ड को तोड़ने का बड़ा अच्छा मौका था, लेकिन इंग्लैंड ने पारी घोषित कर दी। आखिर में टेस्ट एक पारी और 187 रन से जीत गए। 

100वां 100: ज्योफ बॉयकॉट ने अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट का 100वां 100 यहीं बनाया था 1977 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट के दौरान। 

इंग्लैंड का यहां टेस्ट रिकॉर्ड: 80 मैच खेले, 37 जीते, 25 हारे, 18 ड्रा 

स्टेडियम का भारत से कनेक्शन 

  • यहां भारत का टेस्ट रिकॉर्ड: 7 मैच खेले, 2 जीते (1986 और 2002), 4 हारे (1952, 1959, 1967 और 2021), 1 ड्रा (1979) 
  • भारत ने यहां अपने पहले तीनों टेस्ट हारे। 
  • यहां पहली जीत 1986 में मिली- तब कपिल देव कप्तान थे। 
  • यहां दूसरी और आखिरी जीत 16 साल बाद सौरव गांगुली की कप्तानी में मिली।  तब भारत ने राहुल द्रविड़ (148), सचिन तेंदुलकर (193) और गांगुली (128) के 100 की मदद से 628/8 रन का बड़ा स्कोर बनाया। उसके बाद एक पारी और 46 रन से जीत दर्ज की। 
  • 2021 की सीरीज में, यहां भारत के न हारने का सिलसिला टूट गया और विराट कोहली की टीम एक पारी और 76 रन से हार गई। इस टेस्ट में, पहली पारी में सिर्फ 78 रन बनाए, जो भारत का यहां सबसे कम टेस्ट स्कोर है।
  • यहीं 1952 में दूसरी पारी में स्कोरबोर्ड पर एक भी रन के बिना भारत के पहले चार विकेट गिर गए थे यानि कि स्कोर 0-4 था।
  • 1967 सीरीज के टेस्ट में, ज्योफ बॉयकॉट ने 246* रन बनाए और इंग्लैंड ने टेस्ट भी जीत लिया, लेकिन उनकी धीमी बल्लेबाजी (573 मिनट में 555 गेंद पर) पर बड़ा शोर हुआ। नतीजा- उन्हें इसकी सजा दी और अगले टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया।
  • इसी टेस्ट में, भारत के कप्तान एमएके पटौदी ने 64 और 148 के स्कोर बनाए, जिन्हें कई जानकार इस ग्राउंड के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजी प्रदर्शन में से एक गिनते हैं। 
  • यॉर्कशायर वह आखिरी इंग्लिश काउंटी क्रिकेट क्लब था जिसने काउंटी चैंपियनशिप में, अपनी टीम में खेलने के लिए किसी विदेशी खिलाड़ी को साइन किया। उनके लिए खेलने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर थे (1992 में) ।
  • इसके बाद तो इतिहास बनता गया और यॉर्कशायर ने आगे के सालों में युवराज सिंह और चेतेश्वर पुजारा को भी साइन किया। इस साल रुतुराज गायकवाड़ का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ रहा है। वह जुलाई में स्कारबोरो में सरे के विरुद्ध रोथेसे काउंटी चैंपियनशिप गेम से यॉर्कशायर टीम में शामिल हो जाएंगे और सीजन खत्म होने तक व्हाइट रोज के नाम के साथ मशहूर इस टीम के साथ रहेंगे।
  • यहां टॉप स्कोर: सचिन तेंदुलकर 193, 2002 में 
  • यहां सबसे बेहतर गेंदबाजी: रोजर बिन्नी 5-40, 1986 में 

स्टेडियम की दर्शक सीट क्षमता: 18350

स्टेडियम में दोनों गेंदबाजी वाले छोर: किर्कस्टॉल लेन एंड (Kirkstall Lane End) और फुटबॉल स्टैंड एंड (Football Stand End)

ग्राउंड में फ्लड लाइट्स लगी हैं।

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