कोटला के मैदान पर भारत से पार पाना साउथ अफ्रीका के लिए होगा मुश्किल

Updated: Tue, Dec 01 2015 19:06 IST

1 दिसंबर , नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच दिल्ली के ऐतिहासिक फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाएगा। टेस्ट सीरीज की बात की जाए तो भारत ने 4 मैचों की सीरीज को 2- 0 से बढ़त बनाकर पहले ही जीत ली है। जिससे जब भारत की टीम फिरोजशाह कोटला में उतरेगी तो भारत का पलड़ा भारी होगा। फिरोजशाह कोटला के मैदान पर साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार भारत के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने उतरेगी। फिरोजशाह कोटला के इतिहास के बारे में बात की जाए इस मैदान पर पहला टेस्ट मैच नवंबर 1948 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने खेला था। पहला टेस्ट मैच फिरोजशाह कोटला के मैदान पर ड्रा रहा था। तब से इस मैदान पर 32 टेस्ट मैच भारत ने खेला है और 12 टेस्ट मैच में जीत हासिल करी है औऱ 6 टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा है। 14 टेस्ट मैच भारत के इस मैदान पर ड्रा रहे हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम का परफॉर्मेंस इस मैदान पर बेहद शानदार है इसका ही कारण है कि कोटला के मैदान पर पिछले 12 साल से भारत कोई भी टेस्ट मैच नहीं हारा है। 1987 में वेस्टइंडीज ने भारत को 5 विकेट से हराया था उसके बाद से भारत की टीम यहां खेले गए 10 में से नौ टेस्ट जीते हैं। अगर हाल की बात कि जाए तो 2013 में ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को भी भारत ने इस मैदान पर केवल 3 दिनों में ही हरा दिया था।


वैसे इस मैदान पर भारत की टीम के खिलाड़ी ना सिर्फ बेहतरीन परफॉर्मेंस कर दूसरे टीमों के हौसले पस्त कर देते हैं बल्कि कई ऐसे रिकॉर्ड भी बना देते हैं जिसके बारे में सोच पाना असंभव हो जाता है। ऐसा ही रिकॉर्ड इस मैदान पर अनिल कुंबले ने बनाया था जब 1999 में पाकिस्तान  के खिलाफ टेस्ट मैच की एक पारी में पूरे 10 विकेट पाकिस्तान के लेकर पूरे वर्ल्ड क्रिकेट को भौचक्का कर दिया था. इस एतिहासिक रिकॉर्ड को बनाकर कुंबले टेस्ट क्रिकेट के दूसरे ऐसे गेंदबाज बन गए थे जिन्होंने जिम लेकर के बाद इस अजूबे को अंजाम दिया था। इसके साथ – साथ  कोटला का मैदान इतिहास को समेटे हुए इसलिए भी है क्योंकि इसी मैदान पर भारत के पूर्व बल्लेबाज सुनील गवास्कर ने अपने टेस्ट करियर  का 29वां शतक जमाया था जिससे उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन के टेस्ट क्रिकेट में बनाए गए शतक के रिकॉर्ड की बराबरी करी थी। भारत के महान  बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए यह मैदान ऐतिहासिक साबित हुआ है इस मैदान पर ही तेंदुलकर ने साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ  सुनील गवास्कर के 36 टेस्ट शतक के रिकॉर्ड को तोड़ा था।

फिरोजशाह कोटला मैदान पर सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज

फिरोजशाह कोटला मैदान पर भारत के तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले पूर्व दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले हैं जिन्होंने 7 टेस्ट मैच खेलकर 58 विकेट चटकाए हैं। वर्तमान में खेलने वाले स्पिनर अश्विन ने इस मैदान पर अबतक 2 टेस्ट मैच खेलकर 16 विकेट लिए हैं जो इस बात को दर्शाता है कि अश्विन भी कोटला की पिच पर सफल हुए हैं। रविंद्र जडेजा ने 1 टेस्ट मैच खेलकर 7 विकेट झटके हैं। कोटला की पिच हमेशा से स्पिन गेंदबाजों की मददगार होती है लेकिन भारत के पूर्व तेज गेंदबाज कपिल देव ने अपनी गेंदबाजी से इस मैदान पर 9 टेस्ट मैच खेलकर 32 विकेट अपने झोली में डाले हैं। विदेशी गेंदबाजों में सिर्फ इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉन लीवर ने 2 टेस्ट मैच में 12 विकेट चटकाए हैं।

फिरोजशाह कोटला मैदान पर सबसे ज्यादा रन बनानें वाले बल्लेबाज

भारत के बल्लेबाज भी इस मैदान पर अपने पूरे दम- खम से खेलते हैं। भारत के महान बल्लेबाज तेंदुलकर 10 टेस्ट मैच खेलकर 759 रन बनाए हैं। फिरोजशाह कोटले के मैदान पर भारत के तरफ से सबसे ज्यादा शतक दिलीप वेंगसरकर ने जमाए हैं उनके नाम 4 शतक है।

फिरोजशाह कोटला मैदान पर सर्वाधिक टीम स्कोर-

वेस्टइंडीज की टीम ने साल 1959 को भारत के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान 8 विकेट पर 644 रन बनाकर पारी घोषित करी थी। तो वहीं भारत की टीम का सर्वाधिक स्कोर 613 रन है जो भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2008 में बनाया था।

फिरोजशाह कोटला मैदान पर किसी बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ स्कोर-

बर्ट सटक्लिफ (न्यूजीलैंड) 230 नॉट आउट बनाम भारत (1955)

भारत के तरफ से कोटला के मैदान में विनोद कांबली ने साल 1993 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 227 रन बनाए थे जो इस मैदान पर किसी भारतीय के द्वारा बनाया गया सर्वाधिक स्कोर है।

वर्तमान टेस्ट बल्लेबाज में एक मात्र चेतेश्वर पुजारा हैं जिन्होंने इस मैदान पर 1 टेस्ट मैच खेलकर 2 बार पचास या पचास से ज्यादा का आंकड़ा पार किए हैं , पुजारा ने 134 रन जमाए हैं।

3 दिसंबर से शुरु होने वाले भारत और साउथ अफ्रीका के बीच शुरु होने वाले सीरीज के आखरी टेस्ट मैच में भारत के स्पिन गेंदबाज अश्विन पर एक बार फिर जिम्मेदारी होगी की जल्द से जल्द अफ्रीकन बल्लेबाज को आउट कर मैच को खत्म कर दे। वैसे कोटला में एक पारी में सबसे ज्यादा 5 विकेट लेने के रिकॉर्ड के मामले में अश्विन केवल चौथे नंबर पर हैं।

अश्विन ने 2 बार कोटला के मैदान पर 5 विकेट चटकाए हैं। वैसे, पहले नंबर पर अनिल कुंबले जिन्होंने 4 बार इस मैदान पर एक टेस्ट मैच की एक पारी में 5 विकेट झटके हैं तो वहीं कपिल देव ने 3 बार ऐसा कारनामा किया है। पाकिस्तान के सक्लैन मुश्ताक ने 2 बार 5 विकेट एक पारी में झटककर अश्विन के साथ चौथे नंबर हैं। लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि अश्विन एक ही झटके में इस कारनामें को अंजाम दे सकते हैं।

गौरतलब है कि अब तक 32 टेस्ट मैचों में से फिरोजशाह कोटला मैदान पर पहले बल्लेबजी करने वाली टीम 5 दफा टेस्ट मैच अपने नाम कर चुकी हैं तो वहीं 13 बार ऐसी टीम ने टेस्ट मैच जीतने में सफलता पाई हैं जिन्होंने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करना का फैसला लिया हो।


विशाल भगत (CRICKETNMORE)

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