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भारत की भलाई के लिए, रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ प्रबंधन शैली बदलें

खेलों में एक कहावत है कि एक कप्तान अपनी टीम जितना ही अच्छा है लेकिन साथ ही यह भी सही है कि एक टीम अपने कप्तान और कोच जितनी अच्छी है-खास तौर पर क्रिकेट में क्योंकि कप्तान और कोच टीम

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Adelaide:Indian Cricket team coach Rahul Dravid and Captain Rohit Sharma inspect the pitch during pr
Adelaide:Indian Cricket team coach Rahul Dravid and Captain Rohit Sharma inspect the pitch during pr (Image Source: IANS)
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By IANS News
Dec 10, 2022 • 05:02 PM

खेलों में एक कहावत है कि एक कप्तान अपनी टीम जितना ही अच्छा है लेकिन साथ ही यह भी सही है कि एक टीम अपने कप्तान और कोच जितनी अच्छी है-खास तौर पर क्रिकेट में क्योंकि कप्तान और कोच टीम प्रबंधन का मुख्य हिस्सा बनते हैं और सभी महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं। इसलिए कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को 50 ओवर के विश्व कप की तैयारी से पहले भारतीय टीम के हाल के सफेद गेंद क्रिकेट में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी होगी।

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December 10, 2022 • 05:02 PM

 

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भारत ने वर्ष 2022 की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीनों बाहरी वनडे हारकर की थी और बांग्लादेश के खिलाफ ऐसी ही स्थिति में दिखाई दे रहा है। भारत पहले दो वनडे हारकर शर्मनाक स्थिति का सामना कर रहा है इसके अलावा भारत 2022 टी20 विश्व कप में इंग्लैंड से सेमीफाइनल में बुरी तरह हार गया था।

टीम को खेल के हर विभाग में संघर्ष करना पड़ रहा है और टीम प्रबंधन के लिए गए गए कई फैसलों पर सवाल उठ रहे हैं।

रोहित की कप्तानी और द्रविड़ की कोचिंग में स्थिरता है जबकि सफेद गेंद क्रिकेट में इसे गतिशील होना चाहिए। यही कारण है कि भारतीय बल्लेबाजी में एकरूपता ह,ै गेंदबाजी दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ प्रभावहीन है ।

टी20 विश्व कप में प्रबंधन जोड़ी की सबसे बड़ी गलती युजवेंद्र चहल को नहीं खिलाना थी जबकि रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल विफल साबित हो रहे थे।

भारतीय टीम प्रबंधन टी20 विश्व कप में ऋषभ पंत के इस्तेमाल पर भी कोई फैसला नहीं कर पाया और दिनेश कार्तिक को फिनिशर के रोल के लिए चुना। कार्तिक पर भरोसा कर रोहित और प्रबंधन ने पंत जैसी प्रतिभा वाले बल्लेबाज के साथ न्याय नहीं किया। भारत को पंत को टॉप आर्डर में एक विकल्प के रूप में चुनना चाहिए था क्योंकि विराट कोहली को छोड़कर अन्य कोई प्रदर्शन में निरंतर नहीं था। लाइन अप में बाएं हाथ का बल्लेबाज बेहतर प्रभाव डाल सकता था।

रोहित और द्रविड़ गेंदबाजी इकाई की विफलता का भी हल नहीं ढूंढ पाया। रोहित और द्रविड़ के साथ मूल समस्या यह है कि वे पुरानी शैली के हैं जबकि सफेद गेंद क्रिकेट गतिशील है और टीमें नयी अवधारणाएं ढूंढती रहती हैं। इंग्लैंड की सफेद गेंद क्रिकेट में आक्रामक शैली काफी सफल रही है जिसकी बदौलत उन्होंने 50 ओवर और टी20 विश्व कप जीता है।

टी20 विश्व कप की तैयारी में भारत ने 30 खिलाड़ियों को आजमाया जबकि रोहित का मैदान पर ²ष्टिकोण भी उम्मीदों के अनुसार था।

टीम की हाल की निराशा को देखते हुए हार्दिक पांड्या को कप्तानी देने की बात उठ रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एक ऐसा कोच लाना चाहिए जिसने राहुल द्रविड़ के मुकाबले ज्यादा टी20 खेला हो।

रोहित और द्रविड़ को इन मुश्किल हालात से बाहर निकलने के लिए कुछ नए फैसले लेने होंगे और शुभमन गिल, उमरान मलिक, अर्शदीप सिंह जैसे युवा खिलाड़ियों को मौके देने होंगे।

रोहित को मैदान पर अपना नियंत्रण खोने और हताशा दिखाने जैसे फैसलों में भी बदलाव लाना होगा।

जिम्मेदारी अब बीसीसीआई पर है कि या तो वह सफेद गेंद क्रिकेट में नेतृत्व परिवर्तन करे या फिर रोहित और द्रविड़ को मैदान में नया ²ष्टिकोण लाने के लिए कहे।

समय अब तेजी से भागता जा रहा है और विश्व कप अब एक साल दूर है।

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This story has not been edited by Cricketnmore staff and is auto-generated from a syndicated feed

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