Advertisement
Advertisement
Advertisement

बीसीसीआई ने दी चेतावनी, बीसीसीआई के खिलाफ गए तो भुगतना होगा सजा

  नई दिल्ली, 3 मई | सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश में क्रिकेट के शीर्ष संगठन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) कामकाज देखने के लिए गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बुधवार को राज्य संघों को दो टूक लहजे में चेतावनी

Advertisement
बीसीसीआई ने दी चेतावनी, बीसीसीआई के खिलाफ गए तो भुगतना होगा सजा
बीसीसीआई ने दी चेतावनी, बीसीसीआई के खिलाफ गए तो भुगतना होगा सजा ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 03, 2017 • 10:26 PM

 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 03, 2017 • 10:26 PM

नई दिल्ली, 3 मई | सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश में क्रिकेट के शीर्ष संगठन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) कामकाज देखने के लिए गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बुधवार को राज्य संघों को दो टूक लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने भारत के जून में होने वाली आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में न खेलने का समर्थन किया तो इसके लिए वह कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। सीओए की यह चेतवानी सात मई को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की विशेष आम सभा (एसजीएम) के मद्देनजर आई है।

Trending

PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप

पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में नई राजस्व प्रणाली को मंजूरी देने का बीसीसीआई विरोध कर रहा है, क्योंकि इसे मंजूरी मिलने से उसकी आय पर गहरा असर होगा। आईसीसी के इस कदम से बीसीसीआई आहत है और एक जून से 18 जून के बीच इंग्लैंड और वेल्स में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी में न खेलने पर विचार कर रहा है।

सीओए ने राज्य संघों को लिखे पत्र में कहा है, "अगर हमें लगता है कि भारतीय क्रिकेट के हित के विरोध में कदम उठाए जा रहे हैं, तो हम सर्वोच्च न्यायालय के सामने इस बात को रखने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही यह हमारा दायित्व है कि हम हमारी बात अदालत के सामने रखें और मामले में हस्ताक्षेप करने को कहें।"

PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप

पत्र में सीओए ने कहा है कि आईसीसी भले ही इस पर फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हो जाए, लेकिन बीसीसीआई की 57 करोड़ डॉलर की मांग को आईसीसी स्वीकार नहीं करेगी। सीओए ने बीसीसीआई को इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि अगर 18 अप्रैल को हुई एसजीएम में पास हुए प्रस्ताव के साथ बोर्ड रहता तो इस स्थिति को टाला जा सकता था।

बयान में कहा गया है, "हमारा मानना है कि दुबई में अप्रैल में हुई आईसीसी बैठक में जो हुआ उसे टाला जा सकता था, अगर 18 अप्रैल को हुई विशेष आम सभा में कार्यकारी सचिव को बातचीत के लिए नियुक्त किया जाता, बजाय इसके कि वह मतदान को स्थागित कराएं और अगर इसके लिए आईसीसी या अन्य बोर्ड राजी नहीं होते हैं तो आईसीसी के बदले हुए राजस्व ढांचे के खिलाफ मतदान कराएं।" बयान में कहा गया है, "21 अप्रैल 2017 को जो बैठक हुई थी, तब हमने कार्यकारी सचिव के बातचीत करने की स्थिति पर शंका भी जाहिर की थी।" सीओए ने बोर्ड से अपील की है कि वह आईसीसी के सामने भारतीय क्रिकेट के भले के लिए बातचीत करना जारी रखे।

उन्होंने कहा, "यह मुमकिन नहीं है कि आईसीसी और अन्य बोर्ड 2014 के राजस्व ढांचे की रकम पर राजी हों। आईसीसी और अन्य बोर्ड नए राजस्व मॉडल में तय किए गए हिस्से से कुछ ज्यादा पर जरूर हां कह सकते हैं।" उन्होंने कहा, "भारतीय क्रिकेट की भलाई के लिए बीसीसीआई को आईसीसी और अन्य क्रिकेट महासंघों से बातचीत जारी रखनी चाहिए, ताकि 2014 के मॉडल और बदले हुए मॉडल में तय की गई हिस्सेदारी के बीच के आंकड़े पर सहमति बने सके।"

PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप

उन्होंने कहा, "19 अप्रैल 2016 को बीसीसीआई की एसजीएम की ऑडियो रिकार्डिग से पता चलता है कि बीसीसीआई में इस बात पर सहमति बनी थी कि बीसीसीआई को आईसीसी के साथ मिलकर काम करना चाहिए और थोड़ी कम हिस्सेदारी की बात करनी चाहिए, जिसे सभी महासंघ स्वीकार कर लें। बीसीसीआई को आईसीसी से बात करते समय इसी रुख पर कायम रहना चाहिए।"

Advertisement

TAGS
Advertisement