क्या होता अगर ग्रेग चैपल इंडिया के कोच ना होते?
ग्रेग चैपल 2005 में कोच जॉन राइट का कार्यकाल समाप्त होने के बाद टीम इंडिया के कोच बने थे। ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली के बीच तनातनी का माहौल उस वक्त भी किसी से छिपा नहीं था।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्रेग चैपल (Greg Chappell) विवादित कोच रहे हैं। ग्रेग चैपल का नाम जब-जब लिया जाता है तब-तब सौरव गांगुली संग हुआ उनका बवाल आंखों के सामने फ्लैशबैक करने लगता है। ग्रेग चैपल की कोचिंग स्टाइल से ना केवल सौरव गांगुली (sourav ganguly) बल्कि कुछ अन्य भारतीय खिलाड़ी भी बेहद खफा थे। सौरव गांगुली के बहुत बड़े समर्थक और टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने चैपल से जुड़े सवाल का जवाब दिया है।
एक जाने माने यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान हरभजन सिंह से पूछा गया, 'क्या होता अगर ग्रेग चैपल इंडिया के कोच ना होते?' भज्जी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'बहुत अच्चा होता। 2007 के विश्वकप में जो हमारी दुर्दशा हुई थी वेस्टइंडीज में वो ना होती। सबसे बड़ा कारण हमारे पतन का ये था कि उस वक्त हमारी टीम हैप्पी टीम नहीं थी।'
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हरभजन सिंह ने आगे कहा, 'अगर ग्रेग चैपल वहां पर ना होते तो फिर ये टीम आगे जाती पक्की बात है।' बता दें कि 2005 में कोच जॉन राइट का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सौरव गांगुली ही वो शख्स थे जिन्होंने ग्रेग चैपल को टीम इंडिया का कोच बनाने के लिए पहल की थी।
2007 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हुआ करार: सौरव गांगुली उस वक्त इस बात से अनजान थे कि जिस चैपल को वो कोच बना रहे हैं एक दिन वही उनका पत्ता काट देंगे। 2007 वर्ल्ड कप के बाद चैपल का करार खत्म हुआ लेकिन उनके पूरे कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम हमेशा विवादों में घिरी हुई नजर आई। सौरव गांगुली को कई बार खुलकर ग्रेग चैपल की आलोचना करते हुए भी सुना जा चुका है।
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