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रणजी खिलाड़ियों की दशा पर टर्बनेटर हरभजन सिंह ने तोड़ी चुप्पी, दिया बड़ा बयान

मई 18, नई दिल्ली (CRICKETNMORE): वर्ल्ड क्रिकेट में अनेक ऐसे उदहारण हैं जिनसे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कैसे क्रिकेट के जरिए खिलाड़ियों के जीवन में परिवर्तन आए हैं। वहीं दूसरी तरफ यदि लोकल क्रिकेट की बात की

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भारतीय क्रिकेट टीम
भारतीय क्रिकेट टीम ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 18, 2017 • 11:04 PM

मई 18, नई दिल्ली (CRICKETNMORE): वर्ल्ड क्रिकेट में अनेक ऐसे उदहारण हैं जिनसे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कैसे क्रिकेट के जरिए खिलाड़ियों के जीवन में परिवर्तन आए हैं। वहीं दूसरी तरफ यदि लोकल क्रिकेट की बात की जाए या फिर भारत में रणजी का ही जिक्र हो, फिर तो खिलाड़ियों की हालत कई बड़े सवालिया निशान खड़े करती है। खासकर रणजी के खिलाड़ियों को यदि नेशनल टीम में जगह न मिले तो उनका जीवन अधर में रहता है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 18, 2017 • 11:04 PM

गौरतलब है कि 21 मई को टीम इंडिया के हैड कोच अनिल कुंबले सीओए के समक्ष अनुबंधित भारतीय क्रिकटरों के लिए संशोधित भुगतान ढ़ांचे को पेश करेंगे। इससे पहले टीम इंडिया के टर्बनेटर हरभजन सिंह ने कुंबले को एक बड़ा ही भावनात्मक पत्र लिखा है। PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप

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हरभजन ने लिखा है कि मैं आपसे एक खिलाड़ी होने के नाते अपील करता हूं। आप रणजी खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल भी हैं। मैं इस विषय पर हर संभव मदद के लिए तैयार हूं। यह हैरानी की बात है कि साल 2004 से भुगतान व्यवस्था में कोई  बदलाव नहीं हुए। उस वक्त 100 रुपये की क्या कीमत थी और अब क्या है। आज के दौर में आप खुद को पेशेवर कैसे कह सकते हैं, जबकि आपकी नौकरी आपको यह भी नहीं बताती कि सालाना आपको कितना पैसा मिलेगा। आपकी सालाना कमाई कोई तय नहीं है और वह भी तब जब साल भर का काम पूरा होने पर आपको  पैसा मिलता है।

उन्होंने कहा,‘ये खिलाड़ी अपना भविष्य तय नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें इस साल एक लाख रुपये मिलेंगे या दस लाख रुपये. इससे उनकी निजी जिंदगी में कई समस्यायें पैदा हो जाती है.’ पत्र के बारे में पूछने पर हरभजन ने कहा,‘यदि मैने पिछले चार पांच साल घरेलू क्रिकेट नहीं खेली होती तो मुझे औसत घरेलू क्रिकेटरों के हालात पता ही नहीं चलते. हर किसी के पास काम नहीं है. आईपीएल करार मिलने पर उनकी आजीविका बेहतर होती है लेकिन सभी को तो यह करार नहीं मिलता..’

 

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