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रंग के चलते टीम इंडिया के इस क्रिकेटर को पड़ी गालियां, इमोशनल ट्वीट से दिया करारा जवाब

10 अगस्त, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। नस्लवाद एक सदियों पुरानी सामाजिक बुराई है जो भारतीय समाज में मौजूद है और इसने खेल की दुनिया में कई खिलाड़ियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद

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अभिनव मुकुंद
अभिनव मुकुंद ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Aug 10, 2017 • 12:58 PM

10 अगस्त, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। नस्लवाद एक सदियों पुरानी सामाजिक बुराई है जो भारतीय समाज में मौजूद है और इसने खेल की दुनिया में कई खिलाड़ियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद नस्लवाद पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बुधवार को एक ट्वीट किया है और कहा कि "निष्पक्ष केवल सुंदर या सुंदर नहीं है"। गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम लोग नहीं होते।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
August 10, 2017 • 12:58 PM

मौजूदा श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के साथ मौजूद मुकुंद ने ये भी आशा व्यक्त की स्किन के रंग को लेकर लोगों की मानसिकता बदलेगी।

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अभिनव मुकुंद ने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में लिखा " मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैंने धीरे-धीरे सफलता की सीढियां चढ़ी औऱ वहां पहुंचा  जहां आज में हूं। इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मैं आज सहानुभूति पानें या ध्यान आर्कषित करने के लिए नहीं लिख रहा बल्कि इस उम्मीद से कि उस मुद्दे पर लोगों की सोच बदल पाऊं जिसके बारे में मैं सबसे ज्यादा सोचता हूं।”क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत, देखिए PHOTOS

मुकुंद ने ये भी बताया कि कैसे लोग बचपन से उनके शारिरिक रंग को लेकर पक्षपात किया करते थे। उन्होंने कहा “ 15 साल की उम्र से मैंने देश और विदेश में बहुत यात्रा की है। मैं जबसे यंग हुआ  हूं, तब से लोगों द्वारा मेरी स्किन के रंग लेकर मेरी बेइज्जती करना मेरे लिए हमेशा से राज रहा है। जो कोई भी क्रिकेट को फॉलो करता है वो इस बात को समझ सकता है।मैंने दिन-दिन भर धूप में क्रिकेट खेला है मुझे कभी भी इस बात का पछतावा नहीं हुआ कि मेरा रंग काला पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं जो करता हूं वो मुझे पसंद है।  और जो कुछ भी मुझे आज मिला है वह इसलिए क्योंकि मैंने उसे पाने के लिए कई घंटे बाहर बिताए हैं।मैं चेन्नई से हूं, जो शायद हमारे देश में सबसे गर्म जगहों में से एक और मैंने खुशी-खुशी अपने बचपन का ज्यादातर समय क्रिकेट के मैदान पर बिताया है। "

मुकुंद ने आगे लिखा कि “ मैं इन बातों पर हंसा और आगे बढ़ गया क्योंकि मेरा लक्ष्य बड़ा था। इस नेगिटिव तरीके से प्रभावित होने के बाद मैंने अपने आप को मजबूत कर लिया क्योंकि नहीं ले जाने वाला था। कई बार ऐसा हुआ जब मैंने इन बेइज्जती पर कोई जवाब ना देने की ठान ली।” ये हैं दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला क्रिकेटर्स PHOTOS  

उन्होंने आगे कहा कि “ मैं आज सिर्फ अपने लिए नहीं बोल रहा बल्कि कई अन्य लोगों के लिए बोल रहे हैं। “सोशल मीडिया के आने से, यह बात बहुत बढ़ गई है कि लोग अक्सर गालियां देने लगते हैं और ये ऐसी चीज है जिसपर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है। गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम लोग नहीं होते। सच्चे बनो, ध्यान रखो, और अपनी स्किन में सहज रहें।”

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