ईशांत शर्मा 'वर्कलोड मैनेजमेंट' पर भड़के, कहा- 'हमारे टाइम पर ऐसा कुछ भी नहीं था'
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा बेशक भारत के लिए क्रिकेट ना खेल रहे हों लेकिन इस समय वो एक अलग वजह से सुर्खियों में हैं। इशांत ने वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर खुलकर बोला है।
भारतीय टीम इस समय वर्कलोड मैनेजमेंट पर काफी फोकस कर रही है लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो इस टर्म में बिल्कुल भी विश्वास नहीं रखता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की। जहीर खान के बाद 100 टेस्ट खेलने वाले ईशांत शर्मा भारत के केवल दूसरे तेज गेंदबाज हैं लेकिन उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय तक बने रहने के लिए एक तेज गेंदबाज के लिए ज्यादा से ज्यादा गेंदबाजी करना जरूरी होता है।
इस समय टीम इंडिया अपने तेज गेंदबाजों की चोटों की बढ़ती संख्या से जूझ रही है और चोटिल खिलाड़ियों के चलते भारतीय टीम को खऱाब नतीजे भी भुगतने पड़़े हैं। हालांकि, इसी बीच ईशांत शर्मा ने वर्कलोड मैनेजमेंट पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा है कि अगर तेज गेंदबाज ज्यादा गेंदबाजी करेंगे तो उनके चोटिल होने की संभावना उतनी ही कम होगी। इसके साथ ही ईशांत ने ये भी कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट उनके समय में नहीं होता था।
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ईशांत ने स्पोर्टस्टार से बातचीत के दौरान बताया, "अभी मैं केवल यही कहूंगा कि 'वर्कलोड के बारे में ज्यादा मत सोचो'। ये एक नया शब्द है जो हाल के दिनों में आया है, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए। मैंने अपने अंतरराष्ट्रीय कार्यकाल के दौरान ऐसा कुछ नहीं देखा। जब मैंने खेलना शुरू किया, मेरे कोच एक पुराने जमाने के कोच थे, जो दोपहर के 1 बजे मुझे हाथ में गेंद देते थे और हम सूर्यास्त तक गेंदबाज़ी करते रहते थे। रणजी ट्रॉफी और बाद में भारत के लिए, इस तरह मैं लंबे स्पैल फेंक सकता था।यदि आप सुधार करना चाहते हैं, तो केवल एक चीज जो आप कर सकते हैं वो है ज्यादा से ज्यादा गेंदबाजी करना।"
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आगे बोलते हुए ईशांत ने कहा, "मुझे लगता है कि यदि आपने घरेलू क्रिकेट के माध्यम से अपना नाम बनाया है, तो आपको उसके बाद खेल खेलने के बारे में चयनात्मक नहीं होना चाहिए। यदि आप घरेलू क्रिकेट खेलना चाहते हैं, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता है। जब आप देश के लिए बड़ी मात्रा में क्रिकेट खेल चुके हों, तब ही आप खेल सकते हैं। आपको समय-समय पर ब्रेक दिया जाता है। ज्यादातर तेज गेंदबाज रणजी ट्रॉफी मैचों के दौरान टूट जाते हैं क्योंकि वो आदर्श तैयारी से नहीं गुजरते हैं। रणजी ट्रॉफी में गेंदबाजी पूरी तरह से एक अलग बॉल-गेम है। यदि आप आईएएस परीक्षा के लिए अध्ययन कर रहे हैं, तो आपको दिन में 16 घंटे अध्ययन करना होगा। इसी तरह, यदि आप रणजी ट्रॉफी के पूरे सीजन को खत्म करने की तैयारी करना चाहते हैं तो किसी दिन, आप ब्रेक लेकर इसके लिए तैयारी नहीं कर सकते। आपको उसी के अनुसार तैयारी करनी होगी।"