पूर्व भारतीय ऑफ-स्पिनर आर अश्विन अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं लेकिन इस बार उन्होंने जो बयान दिया है उसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मच गया है। अश्विन ने हालिया बयान में इशारा किया कि जब उन्हें भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिलता था, तो भारतीय क्रिकेट इकोसिस्टम में उन्हें बिना किसी रोक-टोक के अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की आज़ादी नहीं थी।
अश्विन ने कहा कि नाथन लायन खुशकिस्मत थे कि उन्हें अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मिला, लेकिन वो ऐसा कभी नहीं कर सकते थे। गौरतलब है कि लायन को ब्रिस्बेन में चल रही एशेज सीरीज़ में इंग्लैंड के खिलाफ पिंक-बॉल टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलियाई इलेवन से बाहर कर दिया गया था। स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट विमल कुमार के ये पूछने पर कि 7 दिसंबर को खत्म हुए दूसरे एशेज टेस्ट के दौरान नाथन लायन का बेबाक इंटरव्यू देखकर उन्हें कैसा लगा, तो अश्विन कुछ सेकंड के लिए चुप हो गए।
इसके बाद इस दिग्गज भारतीय ऑफ-स्पिनर ने अपने मन की बात कही और कहा कि अगर वो लायन की तरह खुलकर बोलते, तो वो मुश्किल में पड़ जाते और कहा कि जब कोई खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन से बाहर होता है, तो उसे दुख होता है। अश्विन ने कहा, "नाथन लायन खुशकिस्मत हैं। अगर किसी को टीम से बाहर किया जाता है, तो भावनाएं वैसी ही होंगी जैसी लायन ने दुनिया के सामने व्यक्त कीं। उन्हें अपने विचार व्यक्त करने का प्लेटफॉर्म मिला और उन्होंने वही किया। ऑस्ट्रेलियाई टीम को बुरा नहीं लगेगा, और वो एडिलेड टेस्ट खेलेंगे। मैं बस उनके लिए खुश हूं।"