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'तू बार-बार उधर क्या देख रहा है' जब ऑडी कार के लिए मैदान पर मियांदाद और रवि शास्त्री थे आमने-सामने

रवि शास्त्री ने अपने ट्विटर अकाउंट से फैंस के साथ अपनी ऑडी कार की तस्वीरें शेयर की है।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat June 04, 2022 • 15:30 PM
Cricket Image for 'तू बार-बार उधर क्या देख रहा है' जब ऑडी कार के लिए मैदान पर मियांदाद और रवि शास्त्
Cricket Image for 'तू बार-बार उधर क्या देख रहा है' जब ऑडी कार के लिए मैदान पर मियांदाद और रवि शास्त् (Image Source: Google)
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भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री अपनी बात बेबाक अंदाज में रखने के लिए जाने जाते हैं और हाल ही में भी उन्होंने अपने करियर से जुड़ा एक यादगार किस्सा फैंस के साथ 37 साल बाद बेबाक अंदाज में शेयर किया है। रवि शास्त्री ने खुलासा करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान के कप्तान जावेद मियांदाद से उनकी एक गोल्डन कलर की ऑडी कार के लिए मैदान पर ही नोंक-झोंक हो गई थी।

पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने बातचीत करते हुए कहा, 'हमे पाकिस्तान को बेंसन एंड हेजेज टूर्नामेंट के फाइनल में हराने के लिए 15-20 रनों की जरूरत थी। मैंने पाकिस्तानी कप्तान जावेद मियादांद की फील्डिंग को देखने के लिए स्क्वायर लेग की तरफ देखा।' रवि शास्त्री आगे बोले, 'मैं फील्डिंग देख रहा था तभी जावेद ने मुझे देखकर कहा तू बार-बार उधर क्या देख रहा है। गाड़ी को क्यों देख रहा है? वो तेरे को नहीं मिलने वाली है।'

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रवि शास्त्री ने 1985 वर्ल्ड कप चैंपियनशीप फाइनल की पूरी घटना के बारे में बताते हुए आगे कहा, पाकिस्तानी कप्तान की बात सुनकर मैंने पूरी तरह से उसे देखा और फिर कहा, 'जावेद मेरी तरफ ही आ रही है कार।' गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट में शास्त्री को उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया था। टूर्नामेंट में उन्होंने बल्ले से 182 रन और गेंद के साथ 8 सफलताएं हासिल की थी जिसके लिए उन्हें ऑडी कार इनाम के तौर पर मिली थी।

इस हरफनमौला खिलाड़ी ने फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ 148 गेंदों पर 63 रनों की पारी खेली थी। वहीं श्रीकांत ने 77 गेंद पर 67 रन बनाए थे। इन दोनों खिलाड़ी की पारियों के दम पर भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ 47.1 ओवर में ही आसानी से जीत दर्ज कर ली थी।

रवि शास्त्री का मानना है कि उनके करियर की सबसे यादगार चीज यही ऑडी कार है। हालांकि उनके बल्ले से निकले छह गेंदों पर छह छक्कों को भी कोई भूला नहीं सकता। बता दें कि रवि शास्त्री की कोचिंग में भारतीय टीम ने काफी सफलताएं हासिल की है। उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी शानदार मुकाबले जीते।

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