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15 साल की शेफाली भी धोनी, सहवाग की तरह सीखेगी, कोच डब्ल्यूवी रमन ने जताया विश्वास

कोलकाता, 19 जनवरी | भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 15 साल की शेफाली वर्मा वक्त के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने तरीके से खेलने के बारे में सीख जाएंगी। यह

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma January 19, 2020 • 10:51 AM
Shafali Verma
Shafali Verma (Twitter)
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कोलकाता, 19 जनवरी | भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 15 साल की शेफाली वर्मा वक्त के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने तरीके से खेलने के बारे में सीख जाएंगी।

यह युवा खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने बीते साल नवंबर में सचिन तेंदुलकर के 30 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ा था और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र में अर्धशतक लगाने वाली खिलाड़ी बनी थीं।

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रमन ने यहां 'द विनिंग सिक्सर, लीडरशीप लेसनंस टू मास्टर्स' किताब के कार्यक्रम से इतर आईएएनएस से कहा, "मैं चाहता हूं कि वह जिस तरह से खेल रही हैं उसे जारी रखें। वह वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी की तरह ही सीख जाएंगी कि जो वो करती हैं उसके साथ कैसे आगे जाया जाए। अच्छी बात यह है कि उन्होंने साबित किया है कि किसी भी स्तर पर खेल सकती हैं। वह बहुत जल्दी सीखती हैं। घर में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली गई सीरीज से लेकर वेस्टइंडीज सीरीज तक उन्होंने काफी मेहनत की है और हर जगह खेलीं। वह 15 साल की बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं।"

शेफाली को अगले महीने होने वाले महिला टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिली है। शेफाली टीम में इकलौती युवा खिलाड़ी नहीं हैं। 19 साल की ऋचा घोष को भी टीम में जगह मिली है। रमन ने कहा कि टूर्नामेंट में जाने के लिए अहम है कि भावनाओं पर काबू रखा जाए।

कोच ने कहा, "हमारी टीम काफी प्रतिभाशाली है। टी-20 प्रारूप में यह कहना कि क्या होने वाला यह काफी मुश्किल होता है। हमें कोशिश करने की जरूरत है और संतुलन निकालने की क्योंकि चीजें किसी भी टीम के पाले में जल्दी बदलती हैं और जब तक हमें पता चलता है कई तरह की भावनाएं बदल चुकी होती हैं। अगर हम अपनी भावनाओं के बीच संतुलन बनाए रखने में सफल रहे तो हमारे जीतने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।"

ऋचा के बारे में कोच ने कहा, "हमारे सामने 1992 विश्व कप सेमीफाइनल में इंजमाम उल हक का उदाहरण है कि कैसे उन्होंने मैच विजयी पारी खेली वो भी काफी मुश्किल स्थिति में से। इसलिए उम्र में नहीं जाना चाहिए और इसे सकारात्मक तरीके से देखना चाहिए। क्या किसी ने आपसे कहा है कि विश्व कप के लिए चुना गया 19 साल का खिलाड़ी खेल नहीं सकता?"
 


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