'मैं बल्लेबाज़ों के सिर पर गेंद मारना चाहता था', शोएब अख्तर ने 11 साल बाद कबूला सच
शोएब अख्तर ने अपने करियर के दौरान कई बल्लेबाज़ों को बाउंसर और यॉर्कर से बुरी यादें दी हैं।
पाकिस्तान के पूर्व स्टार गेंदबाज़ शोएब अख्तर अपनी आग उगलती गेंदों से बल्लेबाज़ों को बाउंसर और घातक यॉर्कर मारने के लिए जाने जाते थे। रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर ने साल 2011 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन अब 11 साल के बाद उन्होंने अपनी बाउंसर गेंदबाज़ी के पीछे की वज़ह बताई है। मोहम्मद कैफ से बातचीत करते हुए उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि वह अपनी गेंदबाज़ी से बल्लेबाज़ों के शरीर पर गेंद मारकर उनके मन में खौफ पैदा करना चाहते थे। उन्होंने कहा वह चाहते थे कि जब-जब बल्लेबाज़ खुद को आईना में देखे तब-तब उन्हें शोएब अख्तर की याद आए।
इंटरनेशनल क्रिकेट में 161.3 kph की स्पीड से सबसे तेज गेंद डिलीवर करने वाले शोएब अख्तर ने एक जाने माने यूट्यबू चैनल पर भारतीय दिग्गज मोहम्मद कैफ से बातचीत करते हुए कहा, 'दिल की बात कहूं तो मैं बाउंसर इसलिए डालता था क्योंकि बल्लेबाज़ों को बंदरों की तरह क्रीज पर उछलता देखना मुझे काफी पसंद था। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मैं बल्लेबाज़ों को सिर पर मारना चाहता था क्योंकि मेरे पास पेस(स्पीड) थी। यह तेज गेंदबाज़ होने का फायदा है।'
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शोएब ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा, 'आपने जोश होता है, हवा में बाल उड़ रहे होते है। ऐसे में आप फुल बॉल नहीं करोगे। आपकी बॉल बल्लेबाज़ों को बॉडी पर लगनी चाहिए। जिस्म पर आलू दिखना चाहिए, ताकि जब बल्लेबाज़ खुद को शीशे में देखे तब उन्हें मेरी याद आए। ये प्यार हैं।' बता दें कि शोएब अख्तर ने अपने करियर के दौरान अपनी घातक बाउंसर और अंगूठे को बेहद दर्द देनी वाली यॉर्कर से दिग्गज बल्लेबाज़ों की भी नीद उड़ाया करते थे।
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रावलपिंडी एक्सप्रेस के इंटरनेशनल करियर के आंकड़ों पर गौर करें तो उनकी काबिलियत का पता चलता है। शोएब के नाम 46 टेस्ट में 178 विकेट दर्ज हैं। वहीं वनडे क्रिकेट के 163 मुकाबलों में उन्होंने 247 विकेट हासिल किए हैं। इस दिग्गज गेंदबाज़ को टी20 क्रिकेट खेलना का ज्यादा मौका नहीं मिला हालांकि इसके बावजूद उन्होंने 15 मैच में 19 विकेट हासिए किए हैं।