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बचपन में बाउंसर से डरने वाला यह बल्लेबाज अब छुड़ाता है गेंदबाजों के छक्के, इस भारतीय खिलाड़ी ने खोला अपना राज

ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू टेस्ट सीरीज शुभमन गिल के करियर के लिए शानदार शुरुआत रही। ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर खेलते हुए, गिल ने पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क के घातक बाउंसरों बहादुरी से सामना किया और...

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Shubman Gill Used to be petrified of bouncers when I was young
Shubman Gill Used to be petrified of bouncers when I was young (Pic Credit- Twitter)
IANS News
By IANS News
Jan 24, 2021 • 08:52 PM

ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू टेस्ट सीरीज शुभमन गिल के करियर के लिए शानदार शुरुआत रही। ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर खेलते हुए, गिल ने पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क के घातक बाउंसरों बहादुरी से सामना किया और ब्रिस्बेन में आयोजित चौथे और अंतिम टेस्ट में भारत की यादगार जीत में अहम भूमिका निभाई। 

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January 24, 2021 • 08:52 PM

गिल ने बाउंसर खेलने की अपनी परिपक्वता पर कहा, "जब मैं छोटा था, तो मुझे बाउंसरों से डर लगता था। मैं पहले से ही छाती की ऊंचाई वाली गेंदों के लिए तैयार रहता था। मैं ड्राइव का बहुत अभ्यास करता था इसलिए मैं स्ट्रेट शॉट खेलने में परिपक्व हो गया। मैंने एक और शॉट भी विकसित किया, जहां मैं कट खेलने के लिए थोड़ा पीछे हट गया। मुझे शॉर्ट डिलीवरी से डर लगता था इसलिए मैं हमेशा कट शॉट खेलने के लिए गेंद की लाइन से हटना चाहता था। ये दो-तीन शॉट एक बच्चे के रूप में मेरे पसंदीदा थे और अब वे मेरे खेल का एक हिस्सा बन गए हैं।"

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गिल ने ऑस्ट्रेलिया में खेली गई छह टेस्ट पारियों में 259 रन बनाए। इसमें गाबा टेस्ट की दूसरी पारी में 91 रनों की शानदार पारी शामिल थी। उनकी इस पारी की मदद से भारत ने टेस्ट मैच के अंतिम दिन 328 रन बनाकर मैच जीता। भारत ने 2-1 से सीरीज अपने नाम कर ऐतिहासिक सफलता दर्ज की। गाबा पर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के अजेय बने रहने के क्रम को तोड़ा।

दाहिने हाथ के बल्लेबाज को चेन्नई में 5 फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ आगामी चार मैचों की श्रृंखला के पहले दो टेस्ट के लिए भारत की टीम में शामिल किया गया है।

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