शेन वॉर्न, मुथैया मुरलीधरन और अनिल कुंबले का नाम क्रिकेट इतिहास के महानतम स्पिनरों में शुमार किया जाता है। तीनों लगभग एक ही समय में खेले और अपनी-अपनी टीमों के सबसे बड़े मैच विनर के रूप में प्रतिष्ठित रहे। क्रिकेट इतिहास के पांच सफलतम गेंदबाजों में इन तीनों का नाम शुमार है। शेन वॉर्न और कुंबले लेग स्पिनर रहे, तो मुथैया मुरलीधरन ऑफ स्पिनर थे। तीनों की अपनी-अपनी खासियत रही। तीनों में श्रेष्ठ कौन हैं, इस पर भी विशेषज्ञों के अपने-अपने तर्क हो सकते हैं। लेकिन, कुंबले ने अपने करियर में तीन ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो उन्हें वॉर्न और मुरलीधरन से अलग करती है।
अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में दिल्ली में खेले गए टेस्ट में एक पारी में सभी 10 विकेट लिए थे। शेन वॉर्न और मुरलीधरन अपने पूरे करियर में कभी भी एक पारी में 10 विकेट नहीं ले सके।
कुंबले ने 2007 में इंग्लैंड में द ओवल में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 110 रन की पारी खेली थी। वॉर्न और मुरलीधरन कभी अपने करियर में शतक नहीं लगा सके।