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जो रूट ने अपना 33वां शतक दिवंगत ग्राहम थोर्प को किया समर्पित

Test Batting Rankings: जो रूट ने रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला अपना 33वां शतक ग्राहम थोर्प को समर्पित कर दिया। थोर्प, रूट के लंबे समय तक बल्लेबाज़ी मेंटॉर रह चुके हैं। हाल ही में 55 वर्षीय थोर्प ने आत्महत्या कर

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England's Joe Root regains pole position in ICC Men's Test Batting Rankings
England's Joe Root regains pole position in ICC Men's Test Batting Rankings (Image Source: IANS)
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By IANS News
Aug 30, 2024 • 10:20 AM

Test Batting Rankings: जो रूट ने रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला अपना 33वां शतक ग्राहम थोर्प को समर्पित कर दिया। थोर्प, रूट के लंबे समय तक बल्लेबाज़ी मेंटॉर रह चुके हैं। हाल ही में 55 वर्षीय थोर्प ने आत्महत्या कर ली थी। शतक लगाने के बाद रूट ने आसमान की तरफ़ देखा था और थोर्प को श्रृद्धांजलि दी थी। श्रीलंका के खिलाफ लॉर्ड्स में दूसरे टेस्ट के पहले दिन के बाद रूट ने कहा कि थोर्प का उनके करियर पर गहरा असर पड़ा था। उन्होंने कहा, "मैं आज जिस मुक़ाम पर हूं वह बिना थोर्प के मुमकिन नहीं था।"

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August 30, 2024 • 10:20 AM

जो रूट ने 33वां शतक ग्राहम थोर्प को समर्पित करने के बाद गुरुवार को कहा, "मैं बहुत ख़ुशक़िस्मत हूं कि मैंने कई लोगों के साथ काम किया है, फिर चाहे वे सीनियर खिलाड़ी हों, कोच हों या मेंटॉर। थोर्प उन्हीं में से एक ऐसी शख़्सियत थे जिन्होंने मुझे बहुत कुछ दिया। इस समय उनके बारे में सोचकर ही मैं भावुक हो जाता हूं, वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी कमी बहुत खल रही है। मेरे खेल को बेहतर करने में उनको काफ़ी श्रेय जाता है। मैं आज करियर के जिस मुक़ाम पर हूं अगर वह नहीं होते तो मैं भी यहां नहीं होता।"

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थोर्प को इंग्लैंड के सर्वकालिक बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक माना जाता है, जिन्होंने इसी महीने की शुरुआत में आत्महत्या कर ली थी। उनके परिवार ने बताया था कि वह अवसाद (डिप्रेशन) और बेचैनी से जूझ रहे थे। थोर्प ने अपने क्रिकेट करियर के बाद से ज़्यादातर समय इंग्लैंड की टीम के साथ ही बिताया था। रूट को इंग्लैंड की टेस्ट टीम का स्थायी सदस्य बनाने में थोर्प का अहम योगदान था, उस समय रूट 21 साल के थे।

रूट ने पुरानी यादें ताज़ा करते हुए कहा, "पहली बार जब मैं उनसे मिला था तो मैं 2010 में मेरी टीम यॉर्कशायर की दूसरी टीम के लिए सरे के ख़िलाफ़ खेल रहा था। अगले ही साल मैं काउंटी चैंपियनशिप टीम का हिस्सा था और वह इंग्लैंड लॉयंस के साथ जुड़े हुए थे। मैंने तब प्रथम श्रेणी मैच में एक भी शतक नहीं लगाया था लेकिन उन्होंने मुझे श्रीलंका के ख़िलाफ़ इंग्लैंड लॉयंस टीम में शामिल कर लिया था।"

रूट ने आगे कहा, "उन्हें मुझमें कुछ नज़र आ गया था और उन्होंने मुझे आगे बढ़ाने के लिए काफ़ी मेहनत की। वह स्पिन के ख़िलाफ़ मुझे माहिर बनाने में शिद्दत के साथ लगे रहे - वह बताते रहते थे कि कब गेंद के पास जाना और कब उसे छोड़ना है, कई तरह के स्वीप शॉट्स खेलना सिखाया। साथ ही तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ भी उन्होंने मुझे तैयार कराया - वह चाहते थे कि मैं उन चीज़ों पर भी काम करूं जो बड़े स्तर पर काउंटी क्रिकेट से अलग होती है। "

थोर्प ने ही रूट का हौसला बढ़ाया और फिर इंग्लैंड के 2012 में भारत दौरे पर रूट के चयन में भी भूमिका निभाई। आख़िरकार उस दौरे पर खेले गए चौथे टेस्ट में रूट ने टेस्ट डेब्यू किया और नागपुर में खेला गया वह टेस्ट ड्रॉ रहा और सीरीज़ इंग्लैंड ने 2-1 से अपने नाम की थी।

रूट ने आगे कहा, "उन्हें मुझमें कुछ नज़र आ गया था और उन्होंने मुझे आगे बढ़ाने के लिए काफ़ी मेहनत की। वह स्पिन के ख़िलाफ़ मुझे माहिर बनाने में शिद्दत के साथ लगे रहे - वह बताते रहते थे कि कब गेंद के पास जाना और कब उसे छोड़ना है, कई तरह के स्वीप शॉट्स खेलना सिखाया। साथ ही तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ भी उन्होंने मुझे तैयार कराया - वह चाहते थे कि मैं उन चीज़ों पर भी काम करूं जो बड़े स्तर पर काउंटी क्रिकेट से अलग होती है। "

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Article Source: IANS

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