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'गार्डन में घूमने वाला', लक्ष्य सेन पर जमकर भड़के सुनील गावस्कर

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल ना जीत पाने वाले लक्ष्य सेन को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने रोहित शर्मा के गार्डन वाले डायलॉग का इस्तेमाल भी किया।

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'गार्डन में घूमने वाला', लक्ष्य सेन पर जमकर भड़के सुनील गावस्कर
'गार्डन में घूमने वाला', लक्ष्य सेन पर जमकर भड़के सुनील गावस्कर (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Aug 13, 2024 • 05:16 PM

पेरिस ओलंपिक 2024 से भारतीय फैंस को काफी उम्मीदें थी लेकिन खिलाड़ी अपेक्षाओं के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाए। टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत ने रिकॉर्ड सात पदक जीते थे, जिसके बाद उम्मीद थी कि पेरिस ओलंपिक में पदकों की संख्या और बढ़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भारत खट्टे-मीठे अनुभवों के चलते केवल छह पदक ही जीत पाया।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
August 13, 2024 • 05:16 PM

इस बार बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन से भी मेडल की उम्मीदें थी क्योंकि इस खेल में भारत ने पिछले तीन संस्करणों में अच्छा प्रदर्शन किया है। 2012 ओलंपिक से शुरू होकर, भारतीय बैडमिंटन स्टार हर बार कम से कम एक पदक के साथ जरूर लौटे हैं। हालांकि, इस बार भारत बैडमिंटन में एक भी पदक नहीं जीत पाया। सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की स्टार जोड़ी सेमीफाइनल में प्रवेश नहीं कर सकी। एकल खिलाड़ी लक्ष्य सेन ओलंपिक सेमीफाइनल में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बने, लेकिन मजबूत स्थिति में होने के बावजूद महत्वपूर्ण मैच हार गए।

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लक्ष्य सेन के मेडल ना ला पाने पर कई देशवासियों ने तीखी टिप्पणियां की और उन लोगों में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का नाम भी शामिल है। गावस्कर ने मेडल ना जीत पाने के चलते लक्ष्य सेन को काफी खरी-खोटी सुनाई। गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए एक कॉलम में लिखा, "2017/18 में, प्रकाश, जिनसे मैं दुर्भाग्य से बहुत कम मिलता हूं, ने मुझे इस बच्चे, लक्ष्य सेन के बारे में बताया था। उन्होंने उसे अपने अंडर में लिया और उसके मार्गदर्शक और गुरु बने। उन्होंने लक्ष्य की प्रगति को कदम दर कदम देखा होगा। जब वो ओलंपिक पदक के करीब पहुंचा, तो प्रकाश कड़ी मेहनत करने वाले और अथक परिश्रम करने वाले विमल कुमार के साथ कोर्ट के किनारे थे, ताकि ना केवल लक्ष्य के सपने को पूरा होते देखा जा सके, बल्कि भारतीय बैडमिंटन प्रेमियों के पूरे समुदाय को भी देखा जा सके।"

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आगे गावस्कर ने लिखा, "फिर सेमीफाइनल (विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ) में 20-17 और 7-0 की बढ़त को गंवाते देखना और फिर पहला गेम आसानी से जीतने के बाद कांस्य पदक मैच (ली जी जिया के खिलाफ) हारना वाकई दिल दहला देने वाला रहा होगा। उन्होंने, विमल कुमार, BAI और सरकार के TOPS ने हर संभव कोशिश की थी, लेकिन जब बात आई तो लक्ष्य, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान (रोहित शर्मा) के मशहूर शब्दों में, 'बगीचे में घूमने वाला' था। जिन लोगों ने सेमीफाइनल और कांस्य पदक दोनों मैच देखे, उन्हें लगा कि लक्ष्य ने अपने रैकेट को देखने के तरीके में अपनी सोच और एकाग्रता खो दी है, जब वो पॉइंट्स के बीच या चेंजओवर के दौरान अपनी पानी की बोतल से घूंट लेता था। मैं पूरी तरह से गलत हो सकता हूं, लेकिन टीवी पर, ये एक खाली भाव की तरह लग रहा था और ये आमतौर पर एक संकेत है कि मन भटक गया है। एकाग्रता और ध्यान ऐसी चीजें हैं जो कोई भी कोच या प्रशिक्षक कभी नहीं सिखा सकता है। इसे एथलीट द्वारा अन्य चैंपियनों को देखकर और आंतरिक संकल्प के साथ वर्षों में विकसित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कोई विशिष्ट कार्यक्रम नहीं है।"

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