मैदान और सीमा दोनों जगह भिड़े थे भारत-पाकिस्तान
8 जून 1999 को वर्ल्ड क्रिकेट की चिर-प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान आमनें – सामनें थी। यह मैच किसी और ही भावना के साथ खेला जा रहा था।
8 जून 1999 को वर्ल्ड क्रिकेट की चिर-प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान आमनें – सामनें थी। यह मैच किसी और ही भावना के साथ खेला जा रहा था। एक तरफ जहां दोनों टीम ऑल ट्रेफर्ड में एक दूसरे से लोहा लेने के लिए मैदान पर थी तो वहीं दूसरी तरफ भारत को पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध छिड़ा हआ था जिसमें दोनों देश के सैनिक सीमा पर लोहा ले रहे थे। दोनों टीमों के साथ – साथ वहां मैच देखने आए भारत और पाकिस्तान के दर्शकों के बीच भी तनाव चरम पर था।
भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया । मैच में आक्रोश औऱ तनाव चरम पर था दोनों टीम एक दूसरे को पराजित करना चाहती थी। हमेशा की तरह एक बार फिर तेंदुलकर ने भारतीय पारी की पाकिस्तान के समक्ष शानदार शुरूआत दी। जब 45 रन बनाकर तेदुलकर आउट हुए तो पाकिस्तान की टीम पूरे जोश के साथ भारतीय बल्लेबाजों पर हावी होने के लिए हर गेंद पर छींटाकसी करने लगी। ऐसे में राहुल द्रविड़ (61) का संयम काम आया औऱ मोहम्मद अजहरूद्दीन के (59) रनों के बदौलत भारत किसी तरह 200 के स्कोर के पार जा सका था। अजहर महमूद, वसीम अकरम , अख्तर के गेंदबाजी अटैक के सामनें भारत 50 ओवर में 227 रन ही बना पाया था।
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कम स्कोर पर भारत को समेटने से पाकिस्तान के खेमें में इस बात की सोच परवान चढ़ने लगी थी कि भारत को हराकर वर्ल्ड कप में पाकिस्तान इस दुर्भाग्य को धो देगा। पाकिस्तान बल्लेबाज जब लक्षय का पीछा करने उतरे तो शाहिद अफरीदी को श्रीनाथ ने जल्द ही पवेलियन का रास्ता दिखाकर पाकिस्तान को असानी से जीत जाने की सोच पर अंकुश लगा दी । मैच में वेंकेटेश प्रसाद ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को अपने बेहतरीन लाइन और लैंथ से इतना परेशान किया कि बल्लेबाज आया राम औऱ गया राम की तरह एक–एक कर पवेलियन का रूख करने लगे।
पाकिस्तानी बल्लेबाजो में सिर्फ सईद अजमल(36) , इंजमाम उल हक(41) औऱ मोईन खान(34) ही कुछ देर तक बल्लेबाजी करने में सफल हो पाए थे। पाकिस्तान की पूरी टीम 45.3 ओवरों में 180 रन पर आउट हो गई जिससे भारत ने मैच 47 रन से जीतकर वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से नहीं हारने का अचर अभियान कायम रखा।
दरअसल मैच में पाकिस्तानी खेमा भारतीय पारी को जल्द आउट करने के बाद इतना आत्मविश्वास से भर गया कि मैच जल्द खत्म करने की जिद में पाकिस्तानी बल्लेबाजों का बेड़ा गर्क हो गया। भारत के तरफ से वेंकेटेश प्रसाद ने 27 रन देकर 5 बल्लेबाजों को आउट कर मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया था।
विशाल भगत/CRICKETNMORE