सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) को मंजूरी दे दी है कि वह बिहार में क्रिकेट को चलाने और प्रबंधन के लिए बीसीसीआई के पास जाए और एक स्वतंत्र एड-हॉक समिति या सुपरवाइजरी समिति का गठन करने को कहे। सीएबी का प्रतिनिधित्व कर रहे विकास मेहता ने शीर्ष अदालत के सामने कहा है कि कोर्ट को बीसीसीआई की प्रतिक्रिया मांगनी चाहिए ताकि विवाद को सुलझाया जा सके। इससे पहले न्यायाधीश एल.नागेश्वर राव, हेमंत गुप्ता और अजय रस्तोगी की पीठ ने मेहता से कहा था कि अगर कोई विवाद है तो अपीलकर्ता सही फोरम से संपर्क कर सकता है। मेहता ने कहा था कि इसके लिए सबसे उपयुक्त फोरम बीसीसीआई है।
सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बोर्ड की तरफ से शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है जिसमें कहा है कि बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) नकारात्मकता के जाल में फंस गई है।
उन्होंने लिखा, "हर तबगा अपनी वार्षिक आम बैठक बुलाता है और दूसरे के खिलाफ कदम उठाता है, बीसीए न सिर्फ अपने आप को पंजीकृत कराने में असफल रही है बल्कि वह ऐसी संघ भी नहीं रही जो इस समय काम कर रही हो।"