सैयद किरमानी ने दिया बड़ा बयान, भारतीय टीम को एक भारत को एक विकेटकीपिंग कोच की जरूरत
4 अक्टूबर। विकेट के पीछे अपनी चमलता के लिए मशहूर रहे 1983 विश्व विजेता टीम के सदस्य सैयद किरमानी का मानना है कि मौजूदा दौर में भारत को एक विकेटकीपिंग कोच की जरूरत है जो विकेटकीपिंग की तकनीक पर ध्यान दे
4 अक्टूबर। विकेट के पीछे अपनी चमलता के लिए मशहूर रहे 1983 विश्व विजेता टीम के सदस्य सैयद किरमानी का मानना है कि मौजूदा दौर में भारत को एक विकेटकीपिंग कोच की जरूरत है जो विकेटकीपिंग की तकनीक पर ध्यान दे सके क्योंकि किरमानी के मुताबिक आज के दौर में विकेटकीपिंग में तकनीक बैक बैंच पर चली गई है।
भारत के सबसे सफल विकेटकीपरों में शुमार रहे किरमानी का मानना है कि युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत में प्रतिभा तो है लेकिन उन्हें विकेटकीपिंग में अभी काफी काम करना है।
कुछ अरसे तक क्रिकेट से दूर रहे किरमानी एक बार फिर कॉमेंट्री करते नजर आएंगे। वह इस बार हालांकि टीवी पर नहीं रेडियो पर उपलब्ध रहेंगे। वह स्पोटसफ्लैश ऑनलाइन रेडियो चैनल की कॉमेंट्री टीम में शामिल किए गए हैं।
स्पोटर्स रेडियो-चैनल स्पोटर्स फ्लैश ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के ऑडियो ब्रॉडकास्ट अधिकार खरीद लिए हैं। यह रेडियो चैनल पूरे विश्व में होने वाले भारत के मैचों की ऑडियो कॉमेंट्री करेगा।
इस मौके पर किरमानी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि विकेटकीपिंग खेल का एक अहम पक्ष है और मौजूदा दौर में इसके लिए एक विशेषज्ञ कोच की जरूरत है जो विकेटकीपिंग की बारीकियों पर ध्यान दे सके।
किरमानी से जब भारतीय टीम में धोनी के विकल्प और युवा विकेटकीपरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "जहां तक मेरा नजरिया है, विकेटकीपिंग बैकबैंच पर आ गई है। विकेटकीपिगं में कोई भी तकनीक को फॉलो नहीं कर रहा है। यह खेल का एक अहम पक्ष होता है। मौजूदा दौर में खास विकेटकीपिंग कोच की जरूरत है जो विकेटकीपिंग की तकनीक को बता सके। इसमें अनुभव भी होना चाहिए। युवा खिलाड़ी को अगर आप एकदम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ला खड़ा करेंगे तो वह लड़खड़ा जाएगा, जो ऋषभ पंत में आपने देखा, लेकिन उनमें काफी प्रतिभा है।"
पंत ने हाल ही में इंग्लैंड सीरीज में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। विकेट के पीछे उनका प्रदर्शन ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा था।
किरमानी ने भारत के लिए 88 टेस्ट मैच खेले हैं और 38 स्टम्पिंग के अलावा 160 कैच पकड़े हैं। वहीं वनडे में उन्होंने 49 मैचों में 27 कैच और नौ स्टम्पिंग की हैं।
पूर्व विकेटकीपर ने कहा है कि उनके जमाने में खिलाड़ी एक दूसरे को देखकर ही काफी कुछ सीखते थे जबिक मौजूदा दौर में टीम में खेल के हर पक्ष के लिए एक विशेषज्ञ बैठा है। उनका मानना है कि खेल के रवैये में भी बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, "हमारे जमाने की क्रिकेट और इस जमाने की क्रिकेट में जमीन-आसमान का अंतर है। हमारे जमाने में कोई कोच नहीं था और ना ही कोई सपोर्ट स्टाफ था। आज के दौर में आठ या नौ सपोर्ट स्टाफ हैं। खेल के हर पक्ष के लिए एक शख्स मौजूद है। तकनीक आ चुकी है, रवैया बदल चुका है। हमारे जमाने में हम एक-दूसरे को देख कर ही सीखते थे।"
किरमानी स्पोटर्सफ्लैश पर भारत और वेस्टइंडीज सीरीज के लिए अपनी आवाज देंगे। कर्नाटक के रहने वाले किरमानी ने सीरीज में भारत का पलड़ा भारी बताया लेकिन साथ ही कहा क यह सीरीज वेस्टइंडीज के युवा खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने और अनुभव हासिल करने का अच्छा मौका है।
बकौल किरमानी, "अगर दोनों टीमों का प्रदर्शन देखा जाए तो भारत का पलड़ा भारी है। एशिया कप में टीम ने अच्छा किया, हालांकि इंग्लैंड में टीम का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा। वेस्टइंडीज की टीम में नए खिलाड़ी काफी हैं। टीम में अनुभवी खिलाड़ी कम ही हैं। उनके नए खिलाड़ियों के लिए यह अच्छा मौका है। दोनों टीमों की तुलना करना है तो भारत आगे है।"
भारत को हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में मुंह की खानी पड़ी। सीरीज में हार के बाद विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम को काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं, लेकिन किरमानी का कहना है कि बेशक भारत हार गया हो लेकिन उसका प्रदर्शन बुरा नहीं था।
68 साल के किरमानी के मुताबिक, "अगर हम विदेशों में नहीं जीते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि टीम का प्रदर्शन खराब था। हां हम वहां ज्यादा मैच जीते नहीं हैं। हमें वहां की परिस्थितियों के आदि होने की जरूरत है। हम जब फॉर्म में आए तब तक सीरीज खत्म हो गई थी। विदेशी परिस्थितियों को समझने में समय लगता है। किस्मत रही तो जीतेंगे।"
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