घर के भेदी ने ढाई लंका, इंटरनेशनल क्रिकेटर होने के बावजूद की तालिबानी लड़ाकों की मदद
Afghanistan Cricket Board: अफगानिस्तान सरकार के घुटने टेक देने के बाद अफगान में तालिबान युग की वापसी हो गई है। अफगानिस्तान में इस वक्त हालात काफी ज्यादा खराब हैं ऐसे में एक और बुरी खबर सामने आ रही है।
Afghanistan Cricket Board: अफगानिस्तान सरकार के घुटने टेक देने के बाद अफगान में तालिबान युग की वापसी हो गई है। अफगानिस्तान में इस वक्त हालात काफी ज्यादा खराब हैं ऐसे में एक और बुरी खबर सामने आ रही है। खबर है कि तालिबानियों ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) पर भी अपना कब्जा जमा लिया है।
तालिबानी लड़ाकों ने गुरुवार को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर में भी एंट्री की थी। रिपोर्ट्स की मानें तो इस दौरान अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर अब्दुल्लाह मजारी भी तालिबानी लड़ाकों के साथ मौजूद थे। दावा किया जा रहा है कि अब्दुल्ला मजारी तालिबानियों को बोर्ड के दफ्तर तक खुद लेकर गए थे। 34 साल के अब्दुल्लाह मजारी ने अफगानिस्तान के लिए 3 वनडे मैच खेले हुए हैं।
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अफगानिस्तान क्रिकेट टीम पर भी अब खतरे के बादल मंडरा चुके हैं। तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान में मौजूद 6 प्रमुख क्रिकेट स्टेडियमों पर भी अपना कब्जा कर लिया है। हालांकि, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शेनवारी ने कहा है कि तालिबान से अफगानी क्रिकेटरों और उनके परिवार में मौजूद किसी भी सदस्य को खतरा नहीं है क्योंकि तालिबान खुद क्रिकेट से प्यार करती है।
दावा किया जा रहा है कि इन हालातों में भी अफगानिस्तान की टीम इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सेदारी जारी रखेगी और टी-20 विश्वकप में भी शिरकत करेगी। बता दें कि अफगानिस्तान क्रिकेट ने दुनिया को राशिद खान जैसा हीरा दिया है जिसकी चमक पूरे विश्व में धमक रही है। वहीं मुजीब उर रहमान और मोहम्मद नबी जैसे खिलाड़ी भी आईपीएल समेत कई फ्रेंचाइजी क्रिकेट में शिरकत करते हैं।