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क्या ईरान में भी क्रिकेट को संवारेगा भारत? ईरान के अंडर-19 कोच ने लगाई गुहार

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट को संवारने के लिए कितना योगदान दिया ये किसी से भी नहीं छिपा है लेकिन क्या अब बीसीसीआई ईरान की भी मदद करेगा?

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क्या ईरान में भी क्रिकेट को संवारेगा भारत? ईरान के अंडर-19 कोच ने लगाई गुहार
क्या ईरान में भी क्रिकेट को संवारेगा भारत? ईरान के अंडर-19 कोच ने लगाई गुहार (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Jul 16, 2023 • 02:55 PM

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट को संवारने में एक बहुमूल्य योगदान दिया और यही कारण है कि आज अफगानिस्तान क्रिकेट टीम कई बड़ी-बड़ी टीमों को टक्कर देने का काम कर रही है। हालांकि, अब अफगानिस्तान की ही तरह एक और देश है जिसने भारत से अपने देश में क्रिकेट को संवारने की गुहार लगाई है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
July 16, 2023 • 02:55 PM

जी हां, हम बात कर रहे हैं ईरान की, जिसके अंडर-19 क्रिकेट कोच असगर अली रायसी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मदद की गुहार लगाई है। रायसी ने बीसीसीआई से ईरान के चाबहार में देश का पहला क्रिकेट स्टेडियम बनाने में मदद करने का अनुरोध किया है। चाबहार मुक्त व्यापार-औद्योगिक क्षेत्र (सीएफजेड) ने एक खेल गांव के लिए 40 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की है, जिसमें से 10 हेक्टेयर भूमि 4000 सीटों की क्षमता वाले क्रिकेट स्टेडियम के लिए आवंटित की गई है।

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हालांकि, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण, देश स्टेडियम को पूरा करने के लिए संसाधन जुटाने में असमर्थ रहा है। यही कारण है कि ईरान के अंडर-19 कोच ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। रायसी ने एएनआई से बातचीत के दौरान कहा, “ईरानी खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी क्रिकेट खेलने की प्रतिभा है। लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी के कारण हम उन्हें प्रशिक्षित करने में विफल रहते हैं। मैं चाहता था कि भारत स्टेडियम बनाने में हमारी मदद करे ताकि ईरानी खिलाड़ी दुनिया में अपनी काबिलियत साबित कर सकें। 'हम चाहते हैं कि भारतीय क्रिकेट प्रबंधन बीसीसीआई हमारे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करे ताकि हमारे खिलाड़ी भी अच्छी तरह से क्रिकेट खेल सकें। हम ये भी उम्मीद करेंगे कि ईरानी खिलाड़ी आईपीएल मैचों का हिस्सा बनें।''

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आपको बता दें कि पड़ोसी देश पाकिस्तान से निकटता के कारण ईरान के दक्षिणी चाबहार और बलूचिस्तान क्षेत्रों में क्रिकेट ने धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल की है। 1910 के दशक की शुरुआत में ईरान में तेल उद्योग में काम करने वाले ब्रिटिश श्रमिकों के माध्यम से क्रिकेट आया, लेकिन 1951 में उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद ये कम हो गया। 1990 के दशक में विदेश में पढ़ रहे ईरानियों द्वारा इसे फिर से पेश किया गया। टीम 2003 में ICC की एक संबद्ध सदस्य और 2017 में एक सहयोगी सदस्य बन गई। आईसीसी ने 2018 में सभी सदस्यों को टी-20 का दर्जा दिया और ईरान ने तब से यूएई, कुवैत और कतर जैसी टीमों के खिलाफ कुछ अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।

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