Advertisement
Advertisement
Advertisement

भारत के उस टीम सेलेक्शन घोटाले में दिनेश मोंगिया सेंटर पॉइंट थे

सौरव गांगुली की इस बात के लिए बड़ी तारीफ़ होती है कि उनका युवा खिलाड़ियों पर भरोसा नई टेलेंट सामने लाने की वजह बना। सच ये है कि उनके हर भरोसे से हमेशा वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti January 05, 2022 • 12:38 PM
Dinesh Mongia
Dinesh Mongia (Image Source: Google)
Advertisement

सौरव गांगुली की इस बात के लिए बड़ी तारीफ़ होती है कि उनका युवा खिलाड़ियों पर भरोसा नई टेलेंट सामने लाने की वजह बना। सच ये है कि उनके हर भरोसे से हमेशा वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी या हरभजन सिंह जैसी टेलेंट नहीं मिली। ऐसे ही एक किस्से की अचानक ही याद ताजा हो गई, खबरों में उन दिनेश मोंगिया का जिक्र आने से, जिन्हें लगभग भूल ही गए थे- नई खबर उनके राजनीति में आने की है।

बड़ा साधारण सा रिकॉर्ड है- 27.95 औसत से 1,230 रन पर 57 वन डे इंटरनेशनल खेल गए। एकमात्र शतक- 2002 में जिम्बाब्वे की बड़ी साधारण दर्जे की गेंदबाजी पर 159* रन, साथ में 40+ औसत से 14 विकेट और 21 कैच भी। एक टी 20 इंटरनेशनल खेले जिसमें 38 बनाए पर आगे कभी नहीं खिलाए गए। स्पष्ट है- मैच कई खेले पर रिकॉर्ड कोई ख़ास नहीं।

Trending


इसीलिए हैरानी होती है कि कैसे इन दिनेश मोंगिया को सौरव गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका में 2003 वर्ल्ड कप में भारत की टीम में जगह दी- वह भी,जानते हैं किसकी कीमत पर? दिनेश मोंगिया इन - वीवीएस लक्ष्मण आउट। इस फैसले को न सिर्फ भारत के सबसे बड़े सेलेक्शन घोटाले में से एक मानते हैं- उन फैसलों में से एक गिनते हैं जिन्होंने भारत के 2003 वर्ल्ड कप न जीतने में ख़ास भूमिका निभाई।

युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ के चमकने से दिनेश मोंगिया के लिए टीम इंडिया में जगह मुश्किल हो गई थी- हालत ये थी कि उन्हें 2002 -03 में न्यूजीलैंड टूर में 7 वन डे की सीरीज के लिए भी नहीं चुना था। शायद उस टूर के मैचों ने समीकरण बदला। वर्ल्ड कप के लिए टीम चुनी गई 30 दिसंबर 2002 को और तब तक न्यूजीलैंड में टीम इंडिया दोनों टेस्ट और पहले दोनों वन डे इंटरनेशनल बुरी तरह से हार चुकी थी। लक्ष्मण टीम में थे- पहले वन डे में 21 गेंद में 9 रन और दूसरे में 39 गेंद में 20 रन। वर्ल्ड कप टीम चुनने के मुकाम पर लक्ष्मण और मोंगिया का वन डे रिकॉर्ड

मोंगिया : 29 वन डे में 30.42 औसत से 791 रन और 42 औसत से 3 विकेट।

लक्ष्मण : 50 वन डे में 27. 56 औसत से 1240 रन।

दोनों का रिकॉर्ड कोई ख़ास नहीं। लक्ष्मण टेस्ट में जितने बेहतर बल्लेबाज थे- वाइट बॉल क्रिकेट में उतनी तारीफ हासिल नहीं कर पाए थे पर अगर श्रेष्ठता और भरोसे योग्य की बात करें तो वे मोंगिया से मीलों आगे थे। तब भी गांगुली ने एक जगह के लिए दोनों का नाम सवाल बनने पर वोट दिनेश मोंगिया को दिया। वजह- मोंगिया न सिर्फ गेंदबाजी (खब्बू ऑर्थोडॉक्स) में भी काम आएंगे, बेहतर फील्डर भी हैं।

2003 के साल का पहला दिन- इस पसंद की चर्चा हो रही थी चारों तरफ। उधर, उसी दिन क्राइस्टचर्च में भारत तीसरे वन डे में भी बुरी तरह हारा- लक्ष्मण ने 36 गेंद में 10 रन बनाए। अपनी पसंद की जरूरत पड़ गई गांगुली को- उस वक्त उनकी सुनी जाती थी और आनन-फानन में मोंगिया को टीम की मदद के लिए न्यूजीलैंड भेजने का फैसला हो गया। बचे 4 में से 2 मैच भारत ने जीते और 3 में दिनेश मोंगिया खेले- 3 पारी में कुल 14 रन और रिहर्सल ऐसी कि कप्तान ने एक ओवर भी नहीं दिया गेंदबाजी के लिए।

वर्ल्ड कप में भी कप्तान का विश्वास बुरी तरह से टूटा। विश्वास कीजिए- दिनेश मोंगिया सभी 11 मैच खेले। इनमें से जिन 6 में बल्लेबाजी की- 20 औसत से 120 रन बनाए और स्ट्राइक रेट 60 भी नहीं था। 32.1 ओवर में 5 विकेट लिए 27 की औसत से।

2003 वर्ल्ड कप के इस घोटाले की बात अक्सर यहीं ख़त्म कर दी जाती है पर सच ये है कि मोंगिया का टूर्नामेंट के पहले 10 मैच में रिकॉर्ड देखकर भी सौरव गांगुली ने फाइनल में मोंगिया और अनिल कुंबले के बीच एक स्पॉट के लिए मुकाबला आने पर अपना वोट दिनेश मोंगिया को दिया- वे 7 बल्लेबाज खिलाने की थ्योरी को पकड़े हुए थे। उस फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के 359 -2 के स्कोर में मोंगिया ने 7 ओवर में बिना विकेट लिए 39 रन दिए।

आज जानकार, वर्ल्ड कप की बात आने पर, इस सेलेक्शन को उतना ही बड़ा घोटाला गिनते हैं जितना कि एक खिलाड़ी को '3 डी' बताकर 2019 में अंबाती रायडू को न चुनना- दोनों में गलत सेलेक्शन ने टीम की नाकामयाबी में बड़ी ख़ास भूमिका निभाई।

सौरव गांगुली अब मान चुके हैं कि दिनेश मोंगिया का वर्ल्ड कप टीम में चयन एक गलत फैसला था- इस फैसले ने लक्ष्मण को ऐसा झटका दिया कि वे तो रिटायर होने के बारे में सोचने लगे थे। यहां तक कि इस किस्से पर पूरी क्रिकेट की दुनिया ने तब भारत का तमाशा देखा जब उस वर्ल्ड कप टीम को चुनने वाले सेलेक्टर खुलकर मीडिया में टीम मैनेजर जॉन राइट के खिलाफ बोले।

Also Read: Ashes 2021-22 - England vs Australia Schedule and Squads

भारत के कोच के तौर पर अपने अनुभव पर जॉन राइट ने अपनी किताब 'इंडियन समर्स' में लिख दिया कि भारत में टीम चुनने में जोनल कोटा सिस्टम चलता है। इस विवादास्पद टिप्पणी पर सेलेक्टर भड़क गए और इसे विवाद खड़ाकर, अपनी किताब की बिक्री बढ़ाने की चाल बता दिया। यहां तक कि एक सेलेक्टर टीए शेखर ने तो उन्हें 2003 वर्ल्ड कप टीम से वीवीएस लक्ष्मण को बाहर रखने के लिए दोषी ठहराया। शेखर ने कहा- यह कोच थे जिन्होंने तीन साल पहले वर्ल्ड कप टीम में लक्ष्मण की जगह, दिनेश मोंगिया को शामिल करने पर जोर दिया था। सच क्या है?


Cricket Scorecard

Advertisement