सौरव गांगुली की इस बात के लिए बड़ी तारीफ़ होती है कि उनका युवा खिलाड़ियों पर भरोसा नई टेलेंट सामने लाने की वजह बना। सच ये है कि उनके हर भरोसे से हमेशा वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी या हरभजन सिंह जैसी टेलेंट नहीं मिली। ऐसे ही एक किस्से की अचानक ही याद ताजा हो गई, खबरों में उन दिनेश मोंगिया का जिक्र आने से, जिन्हें लगभग भूल ही गए थे- नई खबर उनके राजनीति में आने की है।
बड़ा साधारण सा रिकॉर्ड है- 27.95 औसत से 1,230 रन पर 57 वन डे इंटरनेशनल खेल गए। एकमात्र शतक- 2002 में जिम्बाब्वे की बड़ी साधारण दर्जे की गेंदबाजी पर 159* रन, साथ में 40+ औसत से 14 विकेट और 21 कैच भी। एक टी 20 इंटरनेशनल खेले जिसमें 38 बनाए पर आगे कभी नहीं खिलाए गए। स्पष्ट है- मैच कई खेले पर रिकॉर्ड कोई ख़ास नहीं।
इसीलिए हैरानी होती है कि कैसे इन दिनेश मोंगिया को सौरव गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका में 2003 वर्ल्ड कप में भारत की टीम में जगह दी- वह भी,जानते हैं किसकी कीमत पर? दिनेश मोंगिया इन - वीवीएस लक्ष्मण आउट। इस फैसले को न सिर्फ भारत के सबसे बड़े सेलेक्शन घोटाले में से एक मानते हैं- उन फैसलों में से एक गिनते हैं जिन्होंने भारत के 2003 वर्ल्ड कप न जीतने में ख़ास भूमिका निभाई।