यहां के फिरोज शाह कोटला मैदान में अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitley Stadium) के अंदर अरुण जेटली की छह फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा 28 दिसंबर को उनकी 68वीं जयंती पर स्थापित की जाएगी। प्रतिमा के निर्माण पर करीब 15 लाख रुपये की लागत से आई है और इसका वजन करीब 800 किलो है। सूत्रों ने कहा कि प्रतिमा की छतरी पर डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए हैं।
जेटली 1999 से 2013 तक 14 साल तक दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष रहे और अब उनके बेटे रोहन जेटली इस पद को संभाल रहे हैं।
एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को दोपहर करीब एक बजे प्रतिमा का अनावरण कर सकते हैं, जिसमें अरुण जेटली के परिवार के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अनुराग ठाकुर, भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह और भारत और दिल्ली के पूर्व कप्तान वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे।
इस समय, कोविड-19 महामारी के कारण समारोह में 50 व्यक्ति ही व्यक्ति ही मौजूद रहेंगे। जो अन्य लोग मौजूद होंगे, उनमें खेल मंत्री किरण रिजिजू, 18 डीडीसीए निदेशक-और संभवत: उन सबकी पत्नी के अलावा कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, जेटली की प्रतिमा शनिवार दोपहर अरुण जेटली स्टेडियम पहुंची और तुरंत उसके चारों ओर सुरक्षा कवच बना दिया गया।
भारत और दिल्ली के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी हालांकि स्टेडियम में जेटली की प्रतिमा लगाने का पुरजोर विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि किसी महान खिलाड़ी की प्रतिमा लगाई जानी चाहिए।
अरुण जेटली की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला अक्टूबर में डीडीसीए शीर्ष परिषद की बैठक में रोहन जेटली, नए कोषाध्यक्ष और चार अन्य निदेशकों के चुने जाने के तुरंत बाद लिया गया था। यह प्रतिमा स्टेडियम के वीरेंद्र सहवाग गेट (गेट नंबर-1) के पास पार्किं ग एरिया में लगाई जाएगी।
यह ऐतिहासिक स्थल 1883 में बनाया गया था और पिछले साल 12 सितंबर तक इसे फिरोज शाह कोटला स्टेडियम कहा जाता था, जब इसका नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम रखा गया। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री जेटली का पिछले साल 24 अगस्त को निधन हो गया।