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Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1986, जब युवा चेतन शर्मा ने गेंदबाज़ी से जीता था दिल

अभी लगभग दो सप्ताह ही हुए थे जब भारतीय टीम के तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को एशिया कप के फाइनल में आखिरी गेंद पर छक्का लगा था और कहीं ना कहीं इससे ना सिर्फ गेंदबाज को बल्कि पूरे भारतवर्ष को

Shubham Shah
By Shubham Shah February 04, 2021 • 00:14 AM
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तीसरा टेस्ट, बर्मिंघम: 3 जुलाई-8 जुलाई 1986

चेतन शर्मा पीठ की दर्द से उभरकर वापसी कर रहे थे। भारत के पास सुनहरा मौका था कि वो इंग्लैंड को क्लीन स्वीप करे लेकिन आखिरी दिन बल्लेबाजों के कारण मैच ड्रॉ पर सम्पात हुआ। लेकिन इस मैच में चेतन किसी चीते की तरह दहाड़े।

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इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। माइक गेटिंग जो शानदार फॉर्म में चल रहे थे उन्होंने जबरदस्त 183 रनों की पारी खेली। इंग्लैंड ने पहली पारी में 390 रन बनाए। पहली पारी में भारत के लिए चेतन शर्मा ने सबसे ज्यादा 4 विकेट अपने नाम किया।

मजेदार बात ये रही कि भारत की पहली पारी भी 390 रनों पर ही सिमटी। भारत के लिए मोहिंदर अमरनाथ ने सबसे ज्यादा 79 रन बनाए तो वहीं मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शानदार 64 रनों का योगदान दिया।

इंग्लैंड की दूसरी पारी में चेतन शर्मा ने 6 विकेट चटकाते हुए भारत को एक और जीत की आस दिला दी। इंग्लैंड ने सभी विकेट खोकर 235 रन बनाए। भारत को 236 रनों का लक्ष्य मिला।

सुनील गावस्कर और श्रीकांत ने पहले विकेट के लिए 58 रन जोड़े और ऐसा लगा कि मानो भारत 3-0 से इस सीरीज पर अपना दावा ठोकेगी। लेकिन जैसे ही भारत का पहला विकेट गिरा तो टीम की नैया थोड़ी डगमगा गई और टीम ने फिर ड्रॉ का रुख किया। 

लॉर्ड्स में 5 विकेट की जीत, लीड्स में 279 रनों की फतेह ने भारत के गुरुर को ऊंचा किया और यह सीरीज 2-0 से भारत के पक्ष में रहा।

यह सीरीज हमेशा चेतन शर्मा के करिश्माई गेंदबाजी के लिए याद की जाएगी। उन्होंने 2 मैचों में ही 16 विकेट हासिल कर लिए थे। शारजाह की कड़वी यादें अब उनके जेहन से धूल चुकी थी। साथ ही यह कई सालों में पहला मौका था जब विदेशी धरती पर कपिल देव सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज नहीं थे। इस बार उनकी जगह 20 वर्षीय चेतन शर्मा ने ले ली थी।

इस सीरीज में भारत की ओर से दिलीप वेंगसरकर ने सबसे ज्यादा 360 रन बनाए जिसके लिए उन्हें "मैन ऑफ द सीरीज से नवाजा गया।"

दिलीप के साथ-साथ इंग्लैंड के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज माइक गेटिंग भी "मैन ऑफ द सीरीज" चुने गए।

एक जबरदस्त आंकड़ा यह भी है कि चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेट इतिहास में एकमात्र गेंदबाज हैं जिन्होंने इंग्लैंड की सरजमीं पर एक ही मैच में 10 विकेट अपने नाम किया है।

कपिल देव ने 34 टेस्ट मैचों में भारत के लिए कप्तानी की है और उन्हें महज 4 में ही जीत हासिल हुई है। लेकिन इंग्लैंड की धरती पर साल 1986 में मिली 2-0 की यह जीत कपिल देव के कप्तानी करियर के यादगार लम्हों में से एक है।

कपिल देव ने 32 साल बाद साल 2018 में उस जीत को याद करते हुए कहा था,"चेतन लाजवाब थे, वेंगसरकर एकदम बेजोड़। उस टीम में कई असाधारण युवा खिलाड़ी थे और अनुभवी खिलाड़ियों का भी साथ था। आपको हमेशा बड़े खिलाड़ियों का साथ नहीं चाहिए होता है बल्कि कई बार एक अच्छा टीम संयोजन भी होना बेहद जरूरी है। गेंदबाजों को ज्यादा श्रेय मिलना चाहिए।"


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