बैटिंग का एक ख़ास रिकॉर्ड बना सकते हैं जिमी एंडरसन अपने आख़िरी टेस्ट में
बैटिंग का एक ख़ास रिकॉर्ड बना सकते हैं जिमी एंडरसन अपने आख़िरी टेस्ट में पर उस 'अनोखे क्लब' के प्रेसीडेंट तब भी नहीं बनेंगे- कौन सा क्लब?
क्रिकेट की किताबों में इस प्राइमरी क्लब का कहीं जिक्र नहीं मिलेगा पर क्रिकेट के एक रिकॉर्ड से जुड़ा ये क्लब एक चैरिटी है जो अंधे और आंशिक रूप से दृष्टिहीन खिलाड़ियों (Blind and partially sighted sportsmen) के लिए धन जुटाता है। कोई भी ऐसा खिलाड़ी इसका सदस्य बन सकता है जो क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट के मैच में, पहली गेंद पर आउट (गोल्डन डक) हो गया हो। ये क्लब 1955 में केंट में बेकेनहम क्रिकेट क्लब में बैठे चार नशे में धुत्त ऐसे चार युवा क्रिकेटरों ने बनाया जो बैट से अपने प्रदर्शन से निराश थे। उनकी बातों में ये कहा जा रहा था- जैसा हम खेल रहे हैं, इससे बेहतर तो अंधे भी खेल लेंगे। तो बस वहीं इन निराश युवा बल्लेबाजों ने अंधे और कम देख पाने वाले खिलाड़ियों की मदद के लिए एक क्लब बनाने का फैसला ले लिया। शुरुआत कौन करे- इसके लिए उन्होंने उसी बेकेनहम क्लब के एक पहली गेंद पर आउट होने वाले क्रिकेटर को न्यौता दे दिया।
तब इंग्लैंड में, इंग्लैंड के पुराने कप्तान फ्रेडी ब्राउन एक ऐसा फंड चलाते थे जो पहले से दृष्टिहीन लोगों की मदद के लिए काम कर रहा था। 1973 में टेस्ट मैच स्पेशल पर ब्रायन जॉनस्टन ने अपनी क्रिकेट टेस्ट की कमेंट्री के दौरान इस क्लब की स्टोरी का जिक्र कर दिया और इसे बनाने और इसके जरिए एक भले काम के लिए पैसा जुटाने की उन चार नौजवानों की कोशिशों की तारीफ़ कर दी। उन्हें नहीं मालूम था कि वे जो बता रहे हैं- उस का क्या असर होने वाला है। बस फिर क्या था- पूरी दुनिया में जो-जो किसी मैच में गोल्डन डक पर आउट हुए थे इसके मेंबर बनने के लिए एकदम आगे आ गए। गिनती हजारों में पहुंच गई और पैसा जुटाने के कई प्रोजेक्ट शुरू हो गए।
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विश्वास कीजिए- ये क्लब अब तक लगभग 5 मिलियन पाउंड (लगभग 54 करोड़ रुपये ) जुटा चुका है। पिछले साल इस क्लब ने गोल्फ़, स्कीइंग, साइकिलिंग और नौकायन (Sailing) को भी क्रिकेट के साथ-साथ पैसा दिया। ब्रॉड से पहले इस क्लब के पेटर्न इंग्लैंड के मशहूर स्पिनर डेरेक अंडरवुड थे- उनका तो क्रिकेट करियर ही इसी बेकेनहम क्लब से शुरु हुआ था और टेस्ट मैच में 6 गोल्डन डक उनके नाम हैं। मौजूदा इंग्लिश रिकॉर्ड ब्रॉड के नाम है और कुल टेस्ट रिकॉर्ड मुथैया मुरलीधरन के नाम- 14 गोल्डन डक हैं उन के नाम। वैसे ब्रॉड को चाहिए कि अपने 10 गोल्डन डक की गिनती को न देखें क्योंकि वे कुल 244 पारी खेले और पारी की गिनती से प्रतिशत तुलना में वे 10 गोल्डन डक रजिस्टर करने वाले माइक हसी और ग्रेग चैपल जैसे बेहतरीन बल्लेबाजों के रिकॉर्ड के बराबर हैं।
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आने वाले दिनों में इस रिकॉर्ड को फिर से लिखने के सबसे जोरदार दावेदार- इंग्लैंड के सैम करन जो 24.7 के टेस्ट औसत के बावजूद सिर्फ 38 पारी में 6 बार गोल्डन डक दर्ज कर चुके हैं। बड़े-बड़े दिग्गज भी गोल्डन डक से बचे नहीं- यहां तक कि जो डॉन ब्रैडमैन, तीन बार एक टेस्ट पारी में 400+ गेंद खेले, वे भी दो बार पहली गेंद पर आउट हुए।