India vs South Africa: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 1992 में शुरू हुई पहली टेस्ट सीरीज और इसे खेले थे फ्रीडम ट्रॉफी के लिए। 2015 में तय हुआ कि इसे महात्मा गांधी-नेल्सन मंडेला सीरीज (Mahatma Gandhi, Nelson Mandela Series) का नाम देंगे। ये एक गलतफहमी है कि विजेता को गांधी-मंडेला ट्रॉफी प्रदान की जाती है। विजेता को अभी भी फ्रीडम ट्रॉफी देते हैं- हां, अब ट्रॉफी पर दोनों देशों में शांति के प्रतीक- महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की पिक्चर बनी है और ये महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को समर्पित है।
जब ये फैसला हुआ तो बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया थे और उन्होंने कहा था- 'आजादी के लिए संघर्ष इन दोनों देशों के बीच साझा सूत्र रहा है। महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला ने अहिंसा और असहयोग को हथियार बनाकर देशों को आजाद कराया और इसी से इसे अपनाने के लिए दुनिया को प्रेरणा मिली।' तो इस तरह से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास भले ही एशेज हो, लेकिन भारत और साउथ अफ्रीका जब भी टेस्ट सीरीज खेलते हैं इन दोनों प्रतिष्ठित ऐतिहासिक शख्सियत की याद ताजा हो जाती है।
जब ये तय हो गया कि इस आपसी सीरीज को गांधी-मंडेला नाम देंगे तो बात आई ऐसी ट्रॉफी बनाने की जो इनके नाम की तरह इतिहास का हिस्सा बने। इसके लिए बीसीसीआई ने एक अनोखा सुझाव रखा- फ्रीडम ट्रॉफी बनाने में उन जेल से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल लोहे का प्रयोग करें जहां महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को कैद किया गया था। अब दोनों बोर्ड अपने-अपने देश में जुट गए जेल से लोहा जुटाने में - बीसीसीआई ने उस सेल की सलाखें मांग लीं जिसमें गांधी जी बंद रहे थे जबकि क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने जेल के कांटेदार तार।