क्रिकेटर रईस मोहम्मद का देहांत हो गया। न तो वे टेस्ट खेले और न ही वन डे या टी 20 इंटरनेशनल। 30 फर्स्ट क्लास मैच खेले। कराची में निधन के समय वे 89 साल के थे। तो फिर ऐसी क्या बात है कि उनकी कोई ख़ास चर्चा हो ?
इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं। पहला और सबसे ख़ास ये कि वे टेस्ट क्रिकेटरों वजीर, हनीफ, मुश्ताक और सादिक मोहम्मद के भाई थे यानि कि पाकिस्तान के मशहूर मोहम्मद परिवार के एक सदस्य- वजीर उनसे बड़े थे। दूसरा ये कि रईस ने भले कभी खुद टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला पर वे अपने अन्य चारों भाइयों को टेस्ट क्रिकेटर बनाने के लिए किसी हद तक जिम्मेदार थे। तीसरा ये कि जो इस मोहम्मद परिवार को जानते हैं, उनमें से ज्यादातर का मानना है कि वे टेलेंट में अपने अन्य भाइयों से किसी भी तरह से कम नहीं थे। पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहासकार लिखते हैं कि जबकि उनसे कम टेलेंट वाले टेस्ट खेलते रहे वे तरसते रहे। क्रिकेट की सबसे मशहूर मां में से एक, अमीर बी को जितना गर्व इस बात पर था कि वे चार टेस्ट क्रिकेटरों की मां हैं- उतना ही इस बात का अफ़सोस कि रईस टेस्ट नहीं खेले।
रईस का जन्म 25 दिसंबर 1932 को जूनागढ़, गुजरात (तब जूनागढ़ राज्य) में हुआ था। वहीं क्रिकेट की शुरुआत की, लेकिन फिर पूरा परिवार पाकिस्तान में बस गया। फर्स्ट क्लास करियर 1953 में कराची में शुरू हुआ था। रईस टॉप क्रम के बल्लेबाज और लेग स्पिनर थे- करियर में 1344 रन और 33 विकेट। उनके बेटे आसिफ मोहम्मद ने फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट खेला।
मोहम्मद भाइयों ने 1952 में पहले टेस्ट से अगले कई साल तक पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। भाइयों में सबसे बड़े वज़ीर मोहम्मद, इस समय 92 साल के हैं और पाकिस्तान के सबसे पुराने जीवित टेस्ट क्रिकेटर। हनीफ का 2016 में 81 साल की उम्र में निधन हो गया। मुश्ताक (भाइयों में सबसे ज्यादा 57 टेस्ट) और सादिक क्रमशः 78 और 76 साल के हैं।