Advertisement
Advertisement
Advertisement

एक वक़्त तो भारत के क्रिकेट बोर्ड ने मान लिया था कि उनके साथ 50 करोड़ रुपए का फ्रॉड हो गया है....

जो सपना एनसीए के तौर पर बीसीसीआई के लिए राज सिंह डूंगरपुर ने देखा वह अब नई शक्ल ले रहा है। एनसीए तो 2000 में शुरू हो गई पर अपनी जमीन पर नहीं- कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के एम चिन्नास्वामी

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti February 17, 2022 • 08:24 AM
BCCI
BCCI (Image Source: Google)
Advertisement

जो सपना एनसीए के तौर पर बीसीसीआई के लिए राज सिंह डूंगरपुर ने देखा वह अब नई शक्ल ले रहा है। एनसीए तो 2000 में शुरू हो गई पर अपनी जमीन पर नहीं- कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में। अपनी जमीन कई मुश्किलों के बाद मिली और अब 2022 में बीसीसीआई ने बैंगलोर में नई नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) बनाने के लिए भूमि पूजन कर दिया | एकेडमी के लिए जमीन 99 साल की लीज पर मिली है।

एनसीए का 2000 से यहां तक पहुँचने का सफर महज इतनी सी खबर नहीं है। बड़ा लंबा सफर है ये। शुरू से एहसास हो गया था कि जगह कम है- इसीलिए एनसीए समय के साथ कोचिंग सेंटर कम, 'रिहैबिलिटेशन सेंटर' ज्यादा बन गई। एकेडमी को बड़ा करने का एक ही रास्ता था- बड़ी और वह भी अपनी जमीन खरीदो। तलाश शुरू हो गई जमीन की।

Trending


तब बीसीसीआई ने बैंगलोर के बाहरी इलाके बिदादी में 32 एकड़ जमीन के लिए कर्नाटक सरकार को 3.841 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया पर बाद में ये सौदा रद्द कर दिया क्योंकि बोर्ड के नए अधिकारियों को लगा कि ये जगह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दूर है और आना-जाना आसान नहीं होगा। ये पैसा वापस नहीं मिला।

उसके बाद,एयरपोर्ट के पास 49 एकड़ जमीन पसंद आई- कीमत लगभग 50 करोड़ रुपए। 3.841 करोड़ रुपए पहले दे चुके थे और 2010 में 46.135 करोड़ रुपए और दे दिए। बोर्ड ने नई जमीन के लिए, कर्नाटक सरकार के कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के साथ कॉन्ट्रैक्ट भी कर लिया और कुल रकम बनी 49,976 करोड़ रुपए।

इससे पहले कि ये जमीन बोर्ड के हाथ में आती- यह सौदा मुकदमेबाजी में फंस गया। ढेरों पीआईएल, कर्नाटक हाई कोर्ट में फाइल कर दी गईं (उन किसानों द्वारा जिनसे एरिया डेवलपमेंट बोर्ड ने जमीन ली थी), क्रिकेट बोर्ड को जमीन देने से रोकने के लिए। असल में ये किसान जमीन की बढ़ी कीमतों और वहां हुई डेवलपमेंट को देखकर ज्यादा मुआवजे की लड़ाई लड़ रहे थे। हाई कोर्ट ने इन पीआईएल पर सुनवाई के बाद, क्रिकेट बोर्ड के साथ जमीन के सौदे को 'गैर-कानूनी' घोषित कर दिया और जमीन के क्रिकेट बोर्ड को ट्रांसफर पर रोक लगा दी।

बीसीसीआई के हाथ से न सिर्फ अच्छी जमीन गई- जो लगभग 50 करोड़ रुपए एरिया डेवलपमेंट बोर्ड को दे दिए थे, वे भी फँस गए। पैसा वापस मिलना मुश्किल हो गया और तब इस सौदे की गलतियां सामने आने लगीं- ये भी साफ़ हो गया कि जमीन की बिना किसी कानूनी/सही जांच पड़ताल, बोर्ड ने इतनी बड़ी रकम एरिया डेवलपमेंट बोर्ड को दी। नौबत यहां तक पहुँच गई कि क्रिकेट बोर्ड ने मान लिया था कि पैसा वापस नहीं मिलेगा (हालांकि एक सरकारी डिपार्टमेंट को दिया था) और 'फ्रॉड' हो गया है।

अब सवाल ये है कि बोर्ड में इसके लिए कौन जिम्मेदार था? बोर्ड की वर्किंग कमेटी मीटिंग में बताया गया कि एक बाहरी व्यक्ति ने ये कॉन्ट्रेक्ट कराया और वह धोखाधड़ी का सरगना था।

कौन था ये व्यक्ति- न बीसीसीआई स्टाफ और न किसी स्टेट एसोसिएशन से जुड़ा है, लेकिन बोर्ड की ओर से केआईएडीबी के साथ हवाई अड्डे के पास 49 एकड़ जमीन खरीदने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए। बोर्ड ने इसे मान भी लिया और लगभग 50 करोड़ की रकम फँस गई। ये आज तक पता नहीं लगा कि ये सब क्या था? उस समय के बीसीसीआई के गेम डेवलपमेंट मैनेजर रत्नाकर शेट्टी का एक बयान रिकॉर्ड में दर्ज़ है कि बोर्ड के एक ऑफिशियल ने इस व्यक्ति से परिचित कराया था- उसे बर्खास्त कर दिया है। खैर ये स्पष्ट था कि बीसीसीआई को धोखा दिया गया। जो बोर्ड हर साल एक बेहद बड़ी रकम कानूनी सलाह पर खर्च करता है, उसने इस जमीन के मामले में कोई कानूनी सलाह नहीं ली।

इसी के साथ बोर्ड ने बंगलौर में नई एकेडमी बनाने की उम्मीद छोड़ दी और जब अनुराग ठाकुर बीसीसीआई चीफ थे तो बोर्ड ने पुणे और धर्मशाला जैसी जगहों को भी एकेडमी के लिए चर्चा में लेना शुरू कर दिया था। तब सभी स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को चिठ्ठी भी लिखी कि एकेडमी के लिए जमीन ढूंढें और सभी सरकारी मंजूरी का भरोसा हो, तो बोर्ड एकेडमी को उस स्टेट में ट्रांसफर करने के लिए तैयार है। कुछ हाथ नहीं आया इससे।

इस बीच एरिया डेवलपमेंट बोर्ड से पैसा वापस लेने की कोशिश चलती रही और इन्हीं कोशिशों का नतीजा ये रहा कि मई 2017 में कर्नाटक सरकार के साथ लंबे समय से चले आ रहे विवाद के बाद, बीसीसीआई को आखिरकार एक नई एकेडमी बनाने के लिए बंगलौर में ही जमीन मिल गई। ख़ास बात ये थी कि बीसीसीआई को जमीन का कब्जा मिल गया और कॉन्ट्रेक्ट भी हो गया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि बीसीसीआई के नाम आई ये पहली अपनी संपत्ति थी।

एनसीए के लिए इस जमीन के रजिस्ट्रेशन कागजात पर बीसीसीआई की तरफ से सचिव अमिताभ चौधरी ने हस्ताक्षर किए। पहले मिली 25 एकड़ जमीन और कोशिश हुई साथ की 25 एकड़ और जमीन लेने की। ये जमीन, देवनहल्ली में केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब है। तब सीके खन्ना,बीसीसीआई के कार्यकारी चीफ थे और उन्होंने कहा बोर्ड साथ की और जमीन लेने की कोशिश कर रहा है और जैसे ही और जमीन मिल जाएगी- निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। तब इसके लिए दो साल का समय दिया था।

Also Read: टॉप 10 लेटेस्ट क्रिकेट न्यूज

बहरहाल काम अब शुरू हुआ है। अब बोर्ड के पास कुल 40 एकड़ जमीन है। बोर्ड की चाह है कि एनसीए दुनिया में सबसे बेहतर एकेडमी हो- ब्रिस्बेन में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की एकेडमी से भी बेहतर। जमीन मिल गई- इसके साथ ही, शायद 50 करोड़ रुपए के 'फ्रॉड' का किस्सा भी फाइल में बंद हो जाएगा।


Cricket Scorecard

Advertisement