जब टीम इंडिया से टेस्ट हार का दोष इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने बेचारे झींगे और चिकन के नाम लिख दिया
India vs England Test: इंग्लैंड ने जो क्रिकेट काफिला, इस साल भारत में 5 टेस्ट की सीरीज के लिए चुना उसके एक सदस्य की ख़ास चर्चा है- मैच खेलने वाले खिलाड़ियों से भी ज्यादा। ये हैं एक पेशेवर शेफ जिन्हें
खैर शेफ को चुनने की वजह एक अलग चर्चा है पर इंग्लैंड के क्रिकेटरों और भारतीय भोजन से जुड़ी कई स्टोरी है और उन्हीं में से, इस मौके पर एक की चर्चा करते हैं। आज तक क्रिकेटर इसके बारे में बात करते हैं और भारत-इंग्लैंड क्रिकेट के संदर्भ वाली कई किताबों में इसका जिक्र है।
ये किस्सा है इंग्लैंड की भारत में 1992-93 सीरीज का। सीधे सीरीज के चेन्नई में दूसरे टेस्ट में चलते हैं- टेस्ट में इंग्लैंड की हार के बाद ब्रिटिश मीडिया में जो खबर छपीं उनमें आम तौर पर यही जिक्र था कि भारत के 11 खिलाड़ियों और झींगे (Prawn) की एक प्लेट ने इंग्लैंड को एक पारी और 22 रन से हरा दिया। झींगे टेस्ट के हीरो बन गए। असल में मैच से एक रात पहले कप्तान गूच और गैटिंग ने उस होटल में जहां टीम ठहरी थी- चायनीज रेस्तरां में खाना खाया था। गूच ने जो आर्डर दिया उसमें झींगे की एक प्लेट भी थी। उस वक्त तो खूब मजा लिया पर मैच की सुबह रिपोर्ट आई कि गूच बीमार हैं और उन्हें चक्कर आ रहे हैं- इसलिए नहीं खेलेंगे। ये तो बाद में पता चला कि असल माजरा तो पेट की तकलीफ है।
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एलक स्टुअर्ट कप्तान बने पर वे अजीब तमाशा देखते रहे क्योंकि जब टीम ने पहले फील्डिंग की तो माइक गैटिंग और रोबिन स्मिथ भी ग्राउंड से बाहर गए- इन दोनों का भी पेट ख़राब था। स्मिथ ने खाना तो अपने कमरे में खाया पर उन्हें 'चिकन' तंग कर रहा था। ब्रिटिश मीडिया ऐसे मसलों को उछालने के लिए हमेशा से मशहूर है और जो बल्लेबाजी भारत की तरफ से हुई उसने उनकी और मदद की। एक तरफ नवजोत सिद्धू ने पूरे दिन खेलकर 104* बनाए तो मनोज प्रभाकर ने 74 मिनट में 27, विनोद कांबली ने 142 मिनट में 59 और सचिन तेंदुलकर ने भी धीमे 70* बनाए। पूरे दिन में 275 रन बने। झींगे और चिकन सारी चर्चा ले गए।
टीम को डाइट के बारे में जो हिदायत थी उसे जीभ के स्वाद के चक्कर में इन तीनों ने तोड़ा- फिर भी इनकी तकलीफ देखते हुए, इस पर कोई डिसिप्लिनरी एक्शन नहीं लिया गया। गूच की हालत ये थी कि वे अगले तीन दिन बिस्तर पर ही पड़े रहे और कमरे से भी बाहर नहीं निकले। हां, इस किस्से का नतीजा ये निकला कि बोर्ड ने आदेश दिया कि टीम के लिए अलग से, मंजूर डिश का बुफे लगेगा और सब खिलाड़ी उसी से खाना खाएंगे। यहां तक कि ड्रेसिंग रूम में भी बुफे लगने लगा और मैनेजर बॉब बेनेट तथा फिजियोथेरेपिस्ट डेविड रॉबर्ट्स 'फूड इंचार्ज' बन गए।
इंग्लैंड को अपने तीन टॉप क्रिकेटरों के चेन्नई में फिट न होने से जबरदस्त झटका लगा और इसीलिए बदनामी झींगे और चिकन की हुई। उस पर स्टुअर्ट को कप्तान बनाने से टीम का संतुलन बिगड़ गया- वे कप्तान बने तो बोले कि कीपिंग नहीं करेंगे जिससे ब्लेकी ने डेब्यू किया पर इससे बल्लेबाजी कमजोर हो गई। गूच की जगह फिट आथर्टन को ओपनर के तौर खेलना चाहिए था पर वे बैठे रह गए।
बाकी की कसर टीम इंडिया ने निकाल दी। सिद्धू (106) और तेंदुलकर (165) के शतक से भारत ने 560-6 पर पारी समाप्त घोषित की। इंग्लैंड के लिए, एक और झटका ये था कि जब तेंदुलकर 9 पर थे तो अंपायर ने उन्हें रन-आउट नहीं दिया। कपिल देव ने अपने 122वें टेस्ट में 66* बनाए और 5000 रन और 400 विकेट का रिकॉर्ड बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने। इंग्लैंड ने जवाब में फॉलोऑन भी नहीं बचाया और आखिर में पारी से हारे। जिस पिच पर इंग्लैंड के टॉप स्पिनर फिल टफनेल को 41 ओवर में एक विकेट नहीं मिला- कुंबले, राजू और चौहान ने मिलकर 20 में से 17 विकेट लिए। इंग्लैंड में, घरेलू क्रिकेट में टर्निंग पिचों की कमी पर बड़ा शोर हुआ और साफ़ था कि इंग्लैंड के बल्लेबाज ऐसी पर खेलने के लिए तैयार नहीं थे। इस तरह, इस बड़ी हार ने इंग्लैंड को और परेशान कर दिया।
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फ़ूड पॉइजनिंग से हारी इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट ने टूर पर झींगा खाने पर बैन लगा दिया। खिलाड़ियों को बेक्ड बीन्स, कॉर्न बीफ़ और नान ब्रेड वाला खाना ही मिलता रहा।