मैं मात्र 16 साल की थी जब पीएम मोदी ने मुझसे कहा था मेरा भविष्य उज्जवल है : मनु भाकर
Prime Minister Narendra Modi: राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारतीय ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत को याद किया और उनके द्वारा एथलीटों को दी जाने वाली प्रेरणा पर अपना नजरिया पेश किया।
Prime Minister Narendra Modi: राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारतीय ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत को याद किया और उनके द्वारा एथलीटों को दी जाने वाली प्रेरणा पर अपना नजरिया पेश किया।
22 वर्षीय मनु ने पेरिस ओलंपिक में एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया। ये युवा निशानेबाद स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं हैं।
साथ ही, मनु खेलों में व्यक्तिगत निशानेबाजी स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनीं।
ये युवा निशानेबाद सिर्फ 16 साल की थीं जब उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता और पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
मनु ने यह पुराना किस्सा याद करते हुए बताया, "उस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने मुझसे कहा, 'तुम बहुत युवा हो। तुम इससे भी बड़ी सफलता हासिल करोगी और जब भी तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो, तुम मुझसे संपर्क करना। उनके यह शब्द मेरे लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत था।"
न केवल सफलता के मौकों पर बल्कि असफलता पर भी पीएम मोदी ने मनु का साथ दिया। जब टोक्यो ओलंपिक में कुछ तकनीकी खराबी के कारण मनु पदक जीतने से चूक गईं थीं, जब पीएम ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उनकी भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
मनु ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे आत्मविश्वास से भरे रहने और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उनकी यह खासियत है कि वह प्रत्येक खिलाड़ी के बारे में हर बात पर नजर रखते हैं।"
पिस्टल शूटर का मानना है कि पीएम मोदी का दृष्टिकोण सिर्फ जीत का जश्न मनाने तक नहीं है, बल्कि वह परिणाम की परवाह किए बिना हर एथलीट को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
मनु ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपना पहला पदक जीता, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे फोन पर बात की और उन्हें बधाई दी।
पिस्टल शूटर का मानना है कि पीएम मोदी का दृष्टिकोण सिर्फ जीत का जश्न मनाने तक नहीं है, बल्कि वह परिणाम की परवाह किए बिना हर एथलीट को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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Article Source: IANS