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1972 से 2024 तक : पैरालंपिक खेलों में कुछ ऐसा रहा भारत का प्रदर्शन

साल 2024 का ओलंपिक अभियान भारत के लिए मिला-जुला था। नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता तो हॉकी टीम भी लगातार दूसरी बार मेडल लेकर घर आई। तमाम प्रयासों के बावजूद भारत 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज के साथ 6 मेडल ही जीत पाया और 71वें स्थान पर रहा।

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IANS News
By IANS News September 08, 2024 • 15:42 PM
Paris Paralympics: India hit 20-medal milestone, surpass Tokyo tally
Paris Paralympics: India hit 20-medal milestone, surpass Tokyo tally (Image Source: IANS)

साल 2024 का ओलंपिक अभियान भारत के लिए मिला-जुला था। जहां पदक के कुछ बड़े दावेदारों के हाथ निराशा लगी तो मनु भाकर जैसे चेहरे एक ही ओलंपिक में दो पदक के साथ सुपरस्टार बन गए। नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता तो हॉकी टीम भी लगातार दूसरी बार मेडल लेकर घर आई। तमाम प्रयासों के बावजूद भारत 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज के साथ 6 मेडल ही जीत पाया और 71वें स्थान पर रहा। भारत टोक्यो के 7 मेडल के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया। इस बैकग्राउंड में शुरू हुए पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से हौसले एक बार फिर से बुलंद कर दिए हैं।

इस बार न केवल टोक्यो का रिकॉर्ड टूटा बल्कि 29 मेडल का एक ऐसा स्टैंडर्ड भी सेट कर दिया गया जो अगले पैरालंपिक खेलों में एक मानक की तरह काम करेगा। भारत का पैरालंपिक में मेडल हासिल करने का सफर 1972 में हीडलबर्ग से शुरू हुआ था। तब भारत को एक ही मेडल मिला था लेकिन यह गोल्ड मेडल था। मुरलीकांत पेटकर ने फ्रीस्टाइल स्विमिंग में मेडल जीतकर भारत के लिए पैरालंपिक मेडल की शुरुआत की थी। फिल्म 'चंदू चैंपियन' इसी चैंपियन की जिंदगी के ऊपर आधारित है।

इसके बाद न्यूयॉर्क में हुए पैरालंपिक खेलों में भारत के मेडल की संख्या तो चार हुई लेकिन गोल्ड मेडल नहीं आ सका था। 2004 में एथेंस में हुए पैरालंपिक खेलों में भारत को फिर एक गोल्ड मेडल मिला और एक ब्रॉन्ज मेडल भी जीता। इस बार कुल दो पदक मिले। लंदन पैरालंपिक खेलों में भारत को 1 ही ब्रॉन्ज मेडल मिला। तब ओलंपिक खेलों में भारत ने 6 मेडल जीतकर इतिहास रचा था।

इसके बाद रियो पैरालंपिक खेलों में भारत ने 2 गोल्ड और 1-1 सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल समेत 4 पदक जीते। यह पैरालंपिक खेलों में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इसके बाद आए ऐतिहासिक टोक्यो पैरालंपिक खेलों ने सब बदलकर रख दिया। इन खेलों में भारत ने 5 गोल्ड मेडल जीते। इसके साथ 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल ने देश को कुल मिलाकर 19 पदक दिए। टोक्यो ओलंपिक ने यह विश्वास पुख्ता किया था कि भारत पैरालंपिक खेलों में कमाल करके दिखा सकता है।

इसके बाद न्यूयॉर्क में हुए पैरालंपिक खेलों में भारत के मेडल की संख्या तो चार हुई लेकिन गोल्ड मेडल नहीं आ सका था। 2004 में एथेंस में हुए पैरालंपिक खेलों में भारत को फिर एक गोल्ड मेडल मिला और एक ब्रॉन्ज मेडल भी जीता। इस बार कुल दो पदक मिले। लंदन पैरालंपिक खेलों में भारत को 1 ही ब्रॉन्ज मेडल मिला। तब ओलंपिक खेलों में भारत ने 6 मेडल जीतकर इतिहास रचा था।

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Article Source: IANS


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