Mahendra kumar sharma
Cricket Tales - कन्याओं की क्रिकेट होगी, जरूर आइए - सड़क पर ये शोर कौन करता था?
कुछ घंटे पहले, कुछ अखबारों के खेल पेज पर एक छोटी सी खबर छपी- पुणे में महेंद्र कुमार शर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। ये किसी इंटरनेशनल क्रिकेटर का नाम तो है नहीं। कौन थे वे?
इस सवाल का जवाब देने से पहले आमिर खान की फिल्म 'दंगल' का जिक्र जरूरी है। उसमें दिखाया कि जब महावीर फोगाट की बेटियां गीता और बबिता, कुश्ती के दंगल में हिस्सा लेती थीं तो उनके मुकाबलों में भीड़ जुटाने के लिए छोटे शहरों और कस्बों में सड़क और गलियों में लाउडस्पीकर पर शोर किया जाता था। क्या आप विश्वास करेंगे कि एक समय ऐसा भी था जब भारत में लड़कियों के क्रिकेट मैचों के लिए ऐसे ही शोर से भीड़ इकट्ठी की जाती थी। ये बात है नवाबों के शहर लखनऊ की और दौर था 1970 के दशक की शुरुआत का। एक व्यक्ति ऑटो पर बैठकर सड़क-सड़क/गली-गली लाउडस्पीकर पर शोर करता था- 'कन्याओं की क्रिकेट होगी, जरूर आइए।' तब कहीं कुछ सौ लोग मैच देखने जुटते थे। लाउडस्पीकर से शोर करने वाले इस व्यक्ति का नाम था- महेंद्र कुमार शर्मा।