अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में देरी से आना मेरे लिए रहा फायदेमंद : डेवोन कॉनवे
न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉनवे को लगता है कि उनको देर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में विभिन्न परिस्थितियों में खेलने से फायदा मिला है, क्योंकि एक खिलाड़ी के रूप में उन्होंने हर जगह रन बनाए हैं। 29 साल की उम्र में कॉनवे, सलामी बल्लेबाज मैथ्यू सिंक्लेयर के बाद अपनी पहली टेस्ट पारी में 200 रन बनाने वाले दूसरे कीवी बल्लेबाज बन गए थे, जिन्होंने 1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी।
कॉनवे का दोहरा शतक पिछले साल जून में लॉर्डस में दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के शुरुआती मैच में इंग्लैंड के खिलाफ आया था।
हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ दोनों टेस्ट में शतक बनाने के बाद, कॉनवे को 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' पुरस्कार से नवाजा गया था। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने उन्हें गुरुवार को 2021 मेंस 'टेस्ट टीम ऑफ द ईयर' में भी जगह दी है।
हालांकि, 30 वर्षीय कॉनवे के अलावा इस टीम हमवतन केन विलियमसन और तेज गेंदबाज काइल जेमीसन भी शामिल थे। कॉनवे ने नौ पारियों में 69.22 की औसत से 623 रन कर न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी क्रम में सबसे आगे रहे।
कॉनवे ने अपनी शानदार फॉर्म पर बोलते हुए कहा कि परिपक्वता उनके खेल का एक महत्वपूर्ण कारक है।
कॉनवे ने शुक्रवार को एसईएनजेड ब्रेकफास्ट पर कहा, "मैं इस तथ्य के लिए बहुत आभारी हूं कि मैंने काफी देर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेला, जिससे मुझे फायदा मिला।"
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उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर मैं छोटी उम्र में खेलता, तो मैं अपने खेल के बारे में उतना नहीं जानता जितना अब मैं जानता हूं।"