12 सालों में खेले सिर्फ 13 टेस्ट, 10 साल बाद की वापसी और ठोक दिए 10 मैचों में चार शतक
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां, आपको खुद पर भरोसा रखने के साथ ही सब्र का दामन भी थामे रखना पड़ता है। कई बार खिलाड़ी टीम से बाहर हो जाने पर हार मान जाते हैं लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी भी होते हैं जो कितनी ही बुरी परिस्थितियों से क्यों ना गुजर रहे हों, वो कभी भी हार नहीं मानते। उन हार ना मानने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में पाकिस्तान के फवाद आलम का नाम भी शामिल है।
10 साल तक पाकिस्तानी टीम से बाहर रहने के बाद इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने ऐसी वापसी की है कि हर तरफ इस खिलाड़ी की ही चर्चा हो रही है। 35 साल की उम्र में कई खिलाड़ी संन्यास ले लेते हैं लेकिन आलम ने इस उम्र में क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचाया हुआ है। आलम करीब 10 साल टेस्ट टीम से बाहर रहे और इस दौरान वो 88 टेस्ट नहीं खेल पाए।
आलम ने साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ शतक जड़कर टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था लेकिन इसके बाद उन्हें सिर्फ 2 टेस्ट मैच खेलने के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन फिर घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले आलम एक बार फिर सुर्खियों में आए और पाकिस्तान के चयनकर्ताओं को करीब 10 साल बाद फवाद की याद आई।
12 सालों में 13 टेस्ट खेलने वाले आलम ने इसके बाद पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ साउथेम्प्टन टेस्ट से आलम की टेस्ट वापसी हुई। फवाद ने वापसी करने के बाद से ही लगभग सालभर में 4 शतक जड़ दिए हैं। अब तक उनके नाम कुल 5 टेस्ट शतक हो गए हैं और खास बात ये है कि उन्होंने ये पांचों शतक दुनिया की पांच अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग टीमों के खिलाफ लगाए हैं।
आलम शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और अब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में भी शतक लगाकर अपनी टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया है। आलम ने इस टेस्ट में 217 गेंदों में 124 रनों की शतकीय पारी खेली और अंत तक नाबाद रहे। आलम ने अपने प्रदर्शन से पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड को आईना दिखाने का काम किया है और अब अगर पीसीबी पीछे मुड़कर देखेगा तो उन्हें एहसास होगा कि उनसे कितनी बड़ी गलती हो गई थी।